नोटबंदी की आज 6वीं बरसी : आज से 6 साल पहले यानी 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपए के 15.52 लाख करोड़ रुपए अर्थव्यवस्था से बाहर हुए। फिर एंट्री हुई 500 रुपए के नए और 2000 रुपए के बड़े नोट की। इनमें से 500 वाले नोट तो मार्केट में हैं, लेकिन 2000 वाले गायब हो गए। देश में साल 2017-18 के दौरान 2000 के नोट सबसे ज्यादा चलन में रहे। तब बाजार में 2000 के 33,630 लाख नोट थे, जिनकी संख्या साल दर साल कम होती गई। आंकड़ों के मुताबिक इनकी संख्या में 9,120 लाख यानी 27% की कमी आई है। इस तरह बाजार से 1.82 लाख रुपये के 2000 के नोट चलन से बाहर हो गए हैं। सवाल उठता है कि ये नोट आखिर गए कहां ?

नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में जारी किए गए 2000 के नोट अब उतने चलन में नहीं दिख रहे। आपने भी ध्यान दिया होगा कि 2000 के नोट अब न तो लेनदेन में उतने प्रयोग होते दिख रहे हैं, न एटीएम से निकासी के दौरान ये पहले जितनी संख्या में मिल रहे हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि 2000 के नोट आखिर ‘गायब’ कहां हो गए ?

वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने लोकसभा में ये जानकारी दी थी कि पिछले दो साल से 2000 रुपये के एक भी नोट की छपाई नहीं हुई है दरअसल सरकार (Modi Government) RBI के साथ बातचीत करने के बाद नोटों की छपाई को लेकर निर्णय करती है। अप्रैल 2019 के बाद से केंन्द्रीय बैंक ने 2000 का एक भी नोट नहीं छापा है। उसकी वार्षिक रिपोर्ट (RBI annual report) में भी इस बात का जिक्र है। तो कहां गए ये नोट?

आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ इस बात की प्रबल संभावना जता रहे हैं कि इन नोटों की कीमत अधिक होने के कारण काले धन के रूप में जमा किया गया हो। नोटबंदी के समय भी काले धन का अनुमान लगभग 4-5 लाख करोड़ रुपये था, जो विशेषज्ञों का मानना ​​था कि यह सिस्टम में वापस नहीं आएगा।

आपको बताते हैं कि इन नोटों को छापने में कितना खर्चा आता है।

5 रुपए के नोट को छापने में लगभग .48 पैसे का खर्च आता है।
10 रुपए के नोट को छापने में लगभग .96 पैसे का खर्च आता है।
20 रुपए के नोट को छापने में लगभग 1.50 रुपए का खर्च आता है।
50 रुपए के नोट को छापने में लगभग 1.81 रुपए का खर्च आता है।
100 रुपए के नोट को छापने में लगभग 1.79 रुपए का खर्च आता है।
200 रुपए के नोट को छापने में लगभग 2.15 रुपए का खर्च आता है।
500 रुपए के पुराने नोट को छापने में लगभग 2.50 रुपए का खर्च आता है। 
500 रुपए के नए नोट को छापने में लगभग 3.09 रुपए का खर्च आता है।
1000 रुपए के पुराने नोट को छापने में लगभग 3.17 रुपए का खर्च आता है।
2000 रुपए के नोट को छापने में लगभग 3.54 रुपए का खर्च आता है।