कुछ दशकों पहले तक स्ट्रोक और मस्तिष्क से संबंधित बीमारियों को उम्र बढ़ने के साथ होने वाले दिक्कतों को तौर पर जाना जाता था, पर अब कम उम्र के लोग भी इसके शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने बताया कि अब कम उम्र के लोग विशेषकर बड़ी संख्या में युवा आबादी में इसका जोखिम बढ़ता जा रहा है। मस्तिष्क में रक्त का संचार कम होने के कारण होने वाली ये समस्या लकवा और कुछ स्थितियों में मृत्यु तक का भी कारण बन सकती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, स्ट्रोक का खतरा किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है, सभी लोगों को इसके जोखिमों से बचाव करते रहने की आवश्यकता है। डॉक्टर्स कहते हैं, लाइफस्टाइल और आहार में गड़बड़ी की कई समस्याएं हैं जो स्ट्रोक के जोखिमों का कारण बनती हैं। न्यूरोलॉजिकल समस्याएं कई प्रकार की भी दिक्कतों को बढ़ाने वाली मानी जाती हैं जिसको लेकर सभी लोगों को बचाव के निरंतर उपाय करते रहना चाहिए। 

क्यों बढ़ रहा है स्ट्रोक का जोखिम

डॉक्टर बताते हैं, युवा वयस्कों में स्ट्रोक के कुछ जोखिम कारक वृद्ध लोगों की तुलना में भिन्न हो सकते हैं। धूम्रपान-शराब के अधिक सेवन, मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने के कारण स्ट्रोक होने का खतरा काफी बढ़ जाता है। कुछ अंतर्निहित स्वास्थ्य स्थितियां भी हैं जो स्ट्रोक के जोखिमों को बढ़ाने वाली मानी जाती है, दुर्भाग्य से कम उम्र के लोगों में इसका खतरा भी काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है।

युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या

युवाओं में हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होना काफी सामान्य देखा जा रहा है, यह स्ट्रोक के खतरे को भी बढ़ाने वाली हो सकती है। हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति में धमनियों की दीवारों पर उच्च दबाव पड़ता है, इससे मस्तिष्क में रक्त की आपूर्ति करने वाली धमनियां फट सकती हैं या अवरुद्ध हो सकती हैं। उच्च रक्तचाप को एथेरोस्क्लेरोसिस जैसे इस्केमिक स्ट्रोक का प्रमुख कारण पाया गया है।

डायबिटीज के कारण भी हो सकता है इसका खतरा

युवाओं में डायबिटीज की समस्या भी काफी तेजी से बढ़ती जा रही है, इसे स्ट्रोक के खतरे से भी जोड़कर देखा जाता है। मधुमेह से पीड़ित लोगों में स्ट्रोक विकसित होने की आशंका लगभग दो गुना अधिक हो सकती है। डायबिटीज की समस्या आपकी नसों-तंत्रिकाओं को प्रभावित कर देती है जिसके कारण स्ट्रोक का जोखिम भी बढ़ जाता है। एक अध्ययन में वैज्ञानिकों की टीम ने पाया कि कम उम्र के, यहां तक कि बच्चों में भी डायबिटीज का खतरा काफी तेजी से बढ़ता जा  रहा है। 

युवाओं में धूम्रपान एक बड़ा जोखिम

धूम्रपान के कारण आपमें स्ट्रोक होने का खतरा कई गुना तक अधिक हो सकता है। साल 2018 के एक अध्ययन में स्ट्रोक होने के 3 साल के भीतर 15-49 आयुवर्ग के पुरुषों को शामिल किया गया। शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग प्रतिदिन सिगरेट पीते थे, उनमें स्ट्रोक होने का खतरा अन्य लोगों की तुलना में काफी अधिक था।

धूम्रपान आपमें कई ऐसी स्वास्थ्य समस्याओं को बढ़ा देती है जिससे स्ट्रोक हो सकता है। 

रक्त में ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ाना
गुड कोलेस्ट्रॉल कम होना। 
रक्त वाहिकाओं को लाइन करने वाली कोशिकाओं को क्षतिा।
रक्त वाहिकाएं मोटी या संकीर्ण होना।
प्लाक निर्माण में वृद्धि होना आदि।