रांची | झारखंड के लातेहार में मंगलवार को दो प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजएमपी और टीएसपीसी के बीच वर्चस्व की जंग में बंदूकें गरज उठीं। खबर है कि दोनों ओर से लगभग डेढ़ से दो सौ राउंड फायरिंग हुई। घटनास्थल लातेहार के पांकी-मनिका थाना क्षेत्र का डोंकी-कोलडीहा इलाका बताया जा रहा है। इस मुठभेड़ में कोई हताहत हुआ है या नहीं, इसकी सूचना नहीं मिली है। पलामू रेंज के डीआईजी राजकुमार लकड़ा ने उग्रवादी संगठनों के बीच गोलीबारी की बात मानी है। घटनास्थल के वेरिफिकेशन के लिए पुलिस बलों की टीम मौके पर रवाना हुई है।

सूत्रों के मुताबिक मुठभेड़ के दौरान उग्रवादी संगठन झारखंड जनमुक्ति परिषद (जेजेएमपी) की अगुवाई गणेश लोहरा और प्रमोद सिंह कर रहा था, वहीं तृतीय सम्मेलन प्रस्तुति कमेटी (टीएसपीसी) के हथियारबंद दस्ते को गोविंद लीड कर रहा था। दोनों ओर से उग्रवादियों की संख्या की लगभग 40 थी। दोनों ओर से करीब 45 मिनट तक अंधाधुंध फायरिंग हुई। सूत्रों के अनुसार इसके पहले सोमवार की दोपहर करीब 3 बजे टीएसपीसी और जेजेएमपी के बीच होलियो जंगल में भी मुठभेड़ हुई थी, जिसमें करीब आधे घंटे तक दोनों ओर से दर्जनों राउंड फायरिंग हुई थी। सूचना के बाद जब ग्रामीण मौके पर पहुंचे तो घटनास्थल पर दर्जनों खोखे बिखरे पड़े थे।

बता दें कि झारखंड का लातेहार उन जिलों में है, जहां उग्रवादियों की सक्रियता सबसे ज्यादा है। इस जिले में कोयला खदानों से लेकर विकास और निर्माण कार्यों में लगे ठेकेदारों से उग्रवादी संगठन हर महीने करोड़ों की उगाही करते हैं। उग्रवादियों की इजाजत के बगैर क्षेत्र में कोई बड़ी आर्थिक गतिविधि नहीं चल पाती। इलाके में माओवादियों के अलावा टीपीसी, टीएसपीसी, जेजेएमपी सहित कई उग्रवादी संगठन सक्रिय है और इनके बीच इलाका वार वर्चस्व कायम करने की खूनी जंग पहले भी कई बार हुई है।