राजस्थान के पोकरण शहर में इन दिनों जलदाय विभाग की लापरवाही के कारण शहर के लोगों को गंदा और बदबूदार पानी पीने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। शहरवासियों को पीने के लिए गंदा और काला पानी सरकारी पेयजल सप्लाई के दौरान मिल रहा है। जिसके कारण शहरवासियों में जलदाय विभाग के प्रति दिनों दिन रोष बढ़ता जा रहा है। 

पोकरण शहर में आए दिन गंदा और बदबूदार पानी मिलने के कारण शहरवासियों को महंगे दामों में पानी का टैंकर डलवाना पड़ रहा है। ऐसे में शहरवासियों का दिनों दिन जलदाय विभाग के प्रति गुस्सा फूट रहा है। जलदाय विभाग के अधिकारी कर्मचारी शहर में गंदा और बदबूदार पानी आने की शिकायतों को लेकर कतई गंभीर नहीं हैं। जिसके कारण इन दिनों पीने के पानी को लेकर शहर में त्राही-त्राही मची हुई है। शहर में आए दिन शहरवासियों को गंदा और मटमैला पानी मिल रहा है।

गंदा और मटमैला पानी पीने से कई कॉलोनियों में लोग बीमार की  पड़ गए हैं। लेकिन न तो जलदाय विभाग के अधिकारी गंदे को पानी को लेकर कोई जांच और कार्रवाई कर रहे हैं, न चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग की टीमें सैम्पल लेकर कार्रवाई कर रही हैं। अपनी और अपनों की जान बचाने के लिए लोग टैंकरों से पानी डलवा रहे हैं, जो महंगी रेट पर मिलता है। इसके अलावा सक्षम लोग मिनरल वाटर पी रहे हैं या ट्रीटेड वाटर, आरओ प्लांट से ले रहे हैं। लेकिन आम और गरीब लोगों को जलदाय विभाग ने बीमार करने के पूरे बंदोबस्त कर दिए हैं। जिसके कारण शहवासियों को गंदे पानी को ही पीने के लिए मजबूर होना पड़ता है। जलदाय विभाग के अधिकारियों को सूचित करने के बाद भी जलदाय विभाग के अधिकारी और कर्मचारी कुंभकरण की नींद में सो रहे हैं।

जलदाय विभाग द्वारा शहर के लोगों को पानी पिलाने के लिए करोड़ों रुपए की योजनाएं संचालित की जा रही हैं। शहरवासियों को करोड़ों रुपए सरकारी खर्च होने के बाद भी गंदा और बदबूदार पानी उपलब्ध हो रहा है। जलदाय विभाग द्वारा शहर में पानी की सप्लाई सुचारू करने के लिए लाखों रुपए के टेंडर निकालते हैं और लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी समय पर शुद्ध और मीठा पानी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जलदाय विभाग द्वारा मात्र कागजों में ही मरम्मत और जलाशयों, टंकियों के वॉश के नाम से रुपए उठाए जा रहे हैं। जिसका खामियाजा शहरवासी भुगत रहे हैं। शहर के लोगों ने गंदा और बदबूदार पानी आने की शिकायत जलदाय विभाग के अधिकारियों और अभियंताओं को कई बार की और कर्मचारियों को भी सूचित किया गया। लेकिन अभी तक उनके द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। जिसके कारण शहरवासियो में जलदाय विभाग के खिलाफ दिनों दिन रोष बढ़ता जा रहा है।