जिला सत्र न्यायाधीश छह कशिका एम कुमार ने हत्या के एक मामले में सुनवाई करते हुए आरोपितों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में एक पत्‍नी ने अपने ही पति की साजिश रचकर हत्या करा दी है। इसमें उसके प्रेमी ने उसका साथ दिया है।

हत्‍या के जुर्म में अब जेल में कटेगी में पूरी जिंदगी

नवविवाहिता कंचन कुमारी पिता खेमन महतो, (ग्राम चुंबा, गिद्दी) व उसके प्रेमी हत्यारा शिवानंद प्रसाद पिता जयनंदन महतो (गुरुचट्टी बड़कागांव) को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने दोनों को विकास कुमार की हत्या का दोषी पाते हुए भारतीय दंड विधान की धारा 302 एवं 34 के तहत आजीवन कारावास और दस-दस हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना की राशि अदा नहीं करने पर दोनों दोषियों को दो-दो माह का अतिरिक्त कारावास भुगतना होगा।

चाकू घोंप कर की गई थी विकास की हत्‍या

यह मामला मुफ्फसिल थाना कांड संख्या 141/19 और सत्रवाद संख्या 02/20 से संबंधित है। घटना का सारांश यह है कि कंचन देवी ने शादी के 61वें दिन अपने पति विकास कुमार की हत्या करवा दी थी। उसने हत्या की साजिश अपने प्रेमी के मिलकर रची थी। प्रेमी शिवानंद प्रसाद ने शराब पिलाने के बाद उसकी चाकू घोंप कर हत्या के बाद शव को पत्थर से कूच दिया था। सिंघानी फोरलेन में पुलिस ने विकास का शव ग्रामीणों की सूचना पर बरामद की थी।

मामले का खुलासा होने पर चौंके सभी

इस घटना के बाद पिता सुभाष चंद्र प्रसाद के लिखित बयान के आधार पर मुफ्फसिल थाने में अज्ञात पर हत्या का मामला दर्ज किया गया था। अनुसंधान के क्रम में पुलिस को काफी परेशानियों एवं दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। लेकिन, जब हत्या के आरोपितों के नाम उजागर हुए तो यह सभी के लिए एक चौंकाने वाला नाम था क्योंकि इस हत्या में उसकी पत्नी ही शामिल थी। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से अपर लोक अभियोजक भरत राम ने अपना पक्ष पूरी मजबूती के साथ रखा। न्यायालय के समक्ष 11 अभियोजन गवाहों का बयान दर्ज कराया। साथ ही छह प्रदर्श भी कोर्ट के समक्ष अंकित कराए गए। इसमें एफएसएल रिपोर्ट भी शामिल है। बचाव पक्ष की ओर से पैरवी अधिवक्ता मारुति शरण सहाय कर रहे थे। बाद में कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलों तर्कों और बहस को सुनने के बाद सोमवार को अंततः यह फैसला सुनाया।