भरतपुर। यहां एक समाज के पंच पटेलों ने एक परिवार का हुक्का पानी सिर्फ इसलिए बंद कर दिया है क्योंकि इस परिवार ने अपनी विधवा बेटी का पुनर्विवाह  किया। पंचायत ने पुनर्विवाह से खफा हो कर पीड़ित के खेत और फसल भी अपने कब्जे में ले लिए हैं। उनके घर से निकलने का रास्ता और पानी भी बंद कर दिया है। अब परिवार तीन दिन से भूखा प्यासा है और सरकार से मदद की आस लगाए है।
  यह मामला भरतपुर जिले के नगला बिलौठी गांव का है। वहां एक परिवार ने अपनी विधवा बेटी का पुनर्विवाह कर दिया था। यह बात जातीय पंचों को नागवार गुजरी। उन्होंने पंचायत बुलाकर तुगलकी फरमान जारी करते हुए उस परिवार का हुक्का पानी बंद कर दिया। इसके साथ ही 51 हजार रुपये का जुर्माना भी ठोक दिया। नगला बिलौटी निवासी विजयपाल गुर्जर और उसकी 20 वर्षीय विधवा बेटी पर उसके देवर से विवाह करने का पंचायत ने दबाव बनाया था।
  पीड़ित परिजनों के मुताबिक देवर के शराबी होने के कारण उनकी बेटी उससे शादी नहीं करना चाहती थी। लिहाजा कुछ महीने पहले उन्होंने अपनी बेटी की मर्जी के अनुसार दूसरे युवक से कोर्ट मैरिज करवा दी थी। यह बात समाज के पंच पटेलों को चुभ गई। इस पर उन्होंने पंचायत बुलाई। इतना सबकुछ करने के बाद पंच पटेलों ने विजयपाल गुर्जर पर 10 लाख रुपये में बेटी बेचने का आरोप भी जड़ दिया। 
 इस पीड़ित परिवार का कहना है कि उनकी विधवा बेटी की शादी उसके देवर से नहीं के कारण प्रताड़ित किया जा रहा है। पीड़ित परिवार ने पंचायत की इस तुगलकी कार्रवाई की सूचना पुलिस को दी दी है लेकिन आरोपियों के खिलाफ अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। तीन दिन बाद भी कोई मदद करने नहीं आया है। मामले ने जब तूल पकड़ा तो चिकसाना थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पीड़ित परिवार को पास में ही स्थित एक हैंडपंप से पानी भरवाया गया।
  पंचायत ने पीड़ित परिवार से व्यवहार रखने पर भी जुर्माने लगाने की घोषणा की है। पीड़ित परिवार के मुताबिक घर में दो छोटे बच्चों सहित आठ लोग हैं। इसके साथ ही चार पशु भी हैं। उन्हें कोई भी पीने का पानी तक नहीं दे सकता। ऐसे में पशुओं सहित परिवार के लिए पेयजल तक का संकट पैदा हो गया है।