आसमान छू रहे टमाटर के भाव में गिरावट जारी है। एक सप्ताह में टमाटर के भाव में भारी गिरावट हुई है। सप्ताह भर पहले राजधानी रांची में टमाटर जहां 120 रुपये प्रतिकिलो बिक रहा था, अब भाव गिरकर 60 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। टमाटर के मूल्य में कमी से जहां लोगों को राहत मिली है, वही प्याज के भाव में लगातार वृद्धि से किचन का बजट बिगड़ रहा है। 15 दिनों में प्याज का भाव 25 रुपये प्रतिकिलो से बढ़कर 35 रुपये प्रतिकिलो तक पहुंच गया है। टमाटर की लाली उतर रही है तो दूसरी ओर प्याज भाव खा रहा है। दुकानदारों की माने तो सावन के बाद प्याज के मूल्य में और वृद्धि हो सकती है। रांची में महाराष्ट्र के नासिक से प्याज पहुंच रहा है। प्याज के मूल्य में वृद्धि का एक कारण नासिक में भारी वर्षा होना है तो दूसरी वजह सावन के बाद लोग मांस-मछली जमकर खायेंगे। ऐसे में प्याज की खपत भी बढेगी। एक ओर आवक कम दूसरी ओर खपत ज्यादा होना मूल्य में वृद्धि का प्रमुख कारण हो सकता है।

बेंगलुरु से आ रहा टमाटर, ट्रांसपोर्ट खर्च बढ़ा रही महंगाई

रांची में अभी देशी टमाटर नहीं है। वर्षा के कारण यहां टमाटर की उपज नहीं हो रही है। बाजार में मिलने वाला टमाटर बेंगलुरु की है। बेंगलुरु से टमाटर रांची लाने में मूल्य दोगुनी तक हो जाती है। वर्षा के बाद रांची में लोकल टमाटर मिलने लगेगा।

लोकल प्याज 30 तो नासिक का प्याज बिक रहा 35 रुपये किलो

बाजार में दो प्रकार के प्याज अभी मिल रहे हैं। लोकल प्याज 30 रुपये जबकि नासिक का प्याज 35 रुपये किलो बिक रहा है। दुकानदार की माने तो एक किलो लोकल प्याज में तीन-चार पीस प्याज सड़ा निकल जाता है। जबकि नासिक के प्याज में शिकायत नहीं मिलता है। इस कारण भाव में अंतर है।