भोपाल सहित मध्यप्रदेश में आज मतदान
- भोपाल जिले के सात विधानसभा क्षेत्रों में 96 उम्मीदवार चुनाव मैदान में
- सबसे अधिक 23 नरेला तथा सबसे कम हुजुर में 6 प्रत्याशी
- जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
- मतदान केन्द्रों पर सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक होगा मतदान
- जिले के 20 लाख से अधिक मतदाता चुनेंगे 7 विधानसभा सदस्य
भोपाल। मध्यप्रदेश में सोलहवीं विधानसभा के लिए भोपाल जिले की सात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में मतदान रहे हैं। इन क्षेत्रों 96 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। सबसे अधिक 23 उम्मीदवार नरेला विधानसभा क्षेत्र में तथा सबसे कम 6 उम्मीदवार हुजुर विधानसभा क्षेत्र में चुनाव मैदान में उतरे है।
भोपाल जिले के सात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में 17 नवबंर को लोकतंत्र के महापर्व मतदान को लेकर निर्वाचन अमले की तैयारियां पूर्ण। जिले के मतदान केन्द्रों पर तैनात होने वाले मतदान दलों ने अपने-अपने केंद्रों पर पहुंचकर मोर्चा सम्भाल लिया है। एक मतदान दल में चार कर्मचारी तैनात हैं। पूर्ण महिला मतदान दल में सभी मतदान कर्मी महिला है।
17 नवबंर को सबसे पहले सुबह 5.30 बजे मॉक पोल होगा, उसके बाद सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक मतदान होगा। जिले में कुल 20 लाख 87 हजार 32 मतदाता है। इनमें पुरुष 10,74,056, महिला 10,12,804 और 172 अन्य मतदाता शामिल है। सबसे अधिक 3,93,213 मतदाता गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में है। इसके अलावा बैरसिया में 2,48,097, भोपाल उत्तर मं9 2,45,386, नरेला में 3,49,123, भोपाल दक्षिण पश्चिम में 2,32,953, भोपाल मध्य में 2,47,454 और हुजुर में 3,70,806 मतदाता मतदान करेंगे। सात विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2049 मतदान केन्द्र है। इनमें सबसे अधिक 373 गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र में है। बैरसिया में 270, भोपाल उत्तर में 246, नरेला में 332, भोपाल द.प. में 235, भोपाल म. में 245 और हुजुर में 348 मतदान केन्द्र है।
जिले में क्रिटिकल मतदान केन्द्रों की संख्या 510 है। 1044 मतदान केंद्रों की बेवकास्टिंग तथा 125 मतदान केन्द्रों की वीडियोग्राफी होगी, इसके अलावा 46 वल्नरेबल मतदान केन्द्र भी है। विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के मतदान केन्द्रों में 510 माइक्रो ऑब्जर्वर की तैनाती होगी। इसके साथ 185 सेक्टर अधिकारी भी तैनात किये गये है ।
सातों विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र में 2049 ईवीएम एवं वीवीपेट मशीनों का इस्तेमाल होगा तथा इनके अतिरिक्त 20 प्रतिशत सीयू, 20 प्रतिशत बीयू एवं 30 प्रतिशत वीवीपेट रिजर्व में रहेगी। प्रत्येक मतदान केन्द्र में एक-एक वीवीपेट इस प्रकार कुल 2049 वीवीपेट रहेगी, जिसमें मतदाता अपने वोट की पुष्टि कर सकेंगे। जिले में 300 आदर्श मतदान केन्द्र और 111 महिला मतदान केन्द्र स्थापित किये गये है। मतदान करवाने के लिए रिज़र्व सहित 2254 मतदान दल तैनात किये गये है।
मतदान समाप्ति तक रहेगा शुष्क दिवस
जिले की राजस्व सीमा में मतदान समाप्ति तक शुष्क दिवस रहेगा। जिले की सभी मदिरा दुकानों, वाईन आउटलेट, देशी मद्य भण्डारागार, विदेशी मदिरा मद्य भण्डारागार से मदिरा का विक्रय, परिवहन अथवा प्रदाय पूर्णतः प्रतिबंधित रहेगा। सभी मतदान क्षेत्र में किसी भी होटल, आहार गृह, क्लब, मधुशाला में अथवा अन्य किसी सार्वजनिक तथा निजी स्थान में कोई भी स्प्रिटयुक्त, किण्वित या मादक लिकर या वैसी ही प्रकृति के अन्य पदार्थ का भी विक्रय, संग्रहण, एवं परिवहन भी प्रतिबन्धित रहेगा।
वोटर आईडी के अलावा वैकल्पिक दस्तावेज
मतदाताओं की सुविधा के लिए मतदाता परिचय पत्र के अलावा 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेज में से एक को दिखाकर मतदान किया जा सकेगा। इन 12 वैकल्पिक फोटोयुक्त पहचान दस्तावेजों में आधार कार्ड, मनरेगा जाब कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र राज्य सरकार,पीएसयू सार्वजनिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को जारी किए गए फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, बैंक, डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक, राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर के तहत आरजीआई द्वारा जारी स्मार्ट कार्ड, श्रम मंत्रालय की योजना के तहत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, सांसदों, विधायकों,एमएलसी को जारी किए गए आधिकारिक पहचान पत्र और भारत सरकार के सामाजिक न्याय मंत्रालय द्वारा दिव्यांगजनों को जारी यूनिक डिसेबिलिटी आईडी शामिल हैं।
बाहरी व्यक्तियों ने विस क्षेत्र छोड़ा
कलेक्टर के आदेश के बाद जिले में अन्य जिलों से प्रचार के लिए आए राजनैतिक पृष्ठ भूमि के व्यक्तियों ने विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र छोड़ दिया है। शांति एवं कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा निष्पक्ष और शांतिपूर्ण रूप में मतदान सम्पन्न कराने के लिए कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी आशीष सिंह ने राजनैतिक दलो और अभ्यर्थियों के पक्ष में प्रचार-प्रसार करने के लिए अन्य जिलों व विधानसभा क्षेत्रों से आए हुए व्यक्तियों को 15 नवंबर की शाम 5 बजे तक अपने अपने जिले अथवा विधानसभा क्षेत्रों में वापस जाने के आदेश दिए थे।