भोपाल। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को पार्टी के केन्द्रीय पदाधिकारियों की घोषणा की। नड्डा की टीम में इंदौर से भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय को एक बार फिर जगह दी गई है। विजयवर्गीय को लगातार चौथी बार राष्ट्रीय महांमत्री बनाया गया है। टीम नड्डा में जगह बनाने वालों में मप्र से दूसरा नाम सौदान सिंह का है। उन्हें पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। वहीं ओमप्रकाश धुर्वे को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है।
कैलाश विजयवर्गीय को भाजपा के केंद्रीय पदाधिकारियों के बीच पहली बार 2015 में जगह दी गई। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की पहली पसंद होने के चलते उस साल उन्हें राष्ट्रीय महांमत्री बनाने के साथ ही बंगाल का प्रभारी भी बनाया गया। इसके बाद से वे लगातार चौथी बार पार्टी के राष्ट्रीय महांमत्री नियुक्त किए गए हैं। 2015 में उन्हें केंद्रीय टीम में शामिल करने के पीछे सबसे बड़ी वजह 2014 में हरियाणा विधानसभा चुनावों में पार्टी को मिली भारी जीत थी। विजयवर्गीय को हरियाणा विधानसभा चुनावों का चुनाव अभियान प्रभारी बनाया गया था और पार्टी की इस जीत ने विजयवर्गीय के लिए केंद्रीय टीम के दरवाजे खोलने में अहम भूमिका निभाई।
कैलाश विजयवर्गीय 1990 से लगातार 6 बार विधायक चुने गए। 2003 में मप्र में उमा भारती के नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल होने के बाद विजयवर्गीय लगातार 12 साल तक मप्र सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे। सरकार चाहे उमा भारती की हो या बाबूलाल गौर की या फिर शिवराज सिंह चौहान की विजयवर्गीय हर सरकार में मंत्री बनाए गए। 2003 में उमा भारती सरकार में उन्हें जन-कार्य ,संसदीय मामले ,शहरी प्रशासन एवं विकास विभाग (केवल सिंहस्थ -कुम्भ संबंधी कार्य ) का कैबिनेट मंत्री बनाया गया। 2004 में उन्हें धार्मिक न्यास,धर्मादा और पुनर्वास विभाग भी दिया गया। अगस्त 2004 में बाबूलाल गौर सरकार में जन-कार्य मंत्री की शपथ दिलाई गई। दिसम्बर 2005 में शिवराज सिंह चौहान सरकार में जन-कार्य, सूचना तकनीकी , विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में सम्मिलित किया गया। 2008 में शिवराज सरकार के दूसरे कार्यकाल में विजयवर्गीय को आईटी और उद्योग विभाग और 2013 में शिवराज सरकार के तीसरे कार्यकाल में शहरी विकास विभाग का कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।
कैलाश विजयवर्गीय के सिर हरियाणा विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत का सेहरा बंधा था। तब से उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की टीम का हिस्सा माना जा रहा है। उसके बाद पश्चिम बंगाल जैसे महत्वपूर्ण राज्य की जिम्मेदारी भी उन्हें दी गई थी। भले ही भाजपा बंगाल में सरकार नहीं बना सकी, लेकिन प्रमुख विपक्षी पार्टी बनकर चौंकाया जरूर। इसके बाद कयास लग रहे थे कि कैलाश विजयवर्गीय का प्रभाव कम होगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्हें पार्टी ने न केवल राष्ट्रीय महासचिव बनाए रखा, बल्कि मध्य प्रदेश चुनावों में अहम जिम्मेदारी दी गई है। पार्टी ने उन्हें इस साल होने जा रहे पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की पॉलिटिकल विंग की कमान सौंपी थी। अब उन्हें फिर नई टीम में राष्ट्रीय महासचिव की जिम्मेदारी देकर संगठन में उनकी पूछ-परख कम होने की अटकलों को विराम लगा दिया है। विजयवर्गीय को चुनावी मैनेजमेंट का माहिर माना जाता है। मध्य प्रदेश के मालवा- निमाड़ में उनकी गहरी पकड़ है, जहां पार्टी का पूरा फोकस बना हुआ है।  
विदिशा के रहने वाले भाजपा के वरिष्ठ नेता सौदान सिंह को फिर से राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बनाया गया है। सौदान सिंह संघ के करीबी हैं। एक दशक पहले राजनाथ सिंह के अध्यक्षीय कार्यकाल के दौरान उन्होंने राष्ट्रीय सह-संगठन महामंत्री पद से इस्तीफा देकर चौंकाया था। संघ से लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने उन्हें मनाया और जिम्मेदारी कायम रखी थी। 20 साल तक उनके पास छत्तीसगढ़ का प्रभार रहा। पिछले साल उन्हें हिमाचल प्रदेश में चुनाव प्रभारी बनाया गया था। भले ही पार्टी चुनाव हार गई और सरकार चली गई, सौदान सिंह का प्रभाव कायम है। यही वजह है कि उन्हें अब भी उपाध्यक्ष कायम रखा गया है।
डिंडौरी जिले से पूर्व विधायक ओमप्रकाश धुर्वे को इस बार भी सचिव पद पर रखा गया है। धुर्वे अनुसूचित जनजाति वर्ग से आते हैं। 2013 से 2018 तक विधायक रहे और पिछले विधानसभा चुनावों में कांग्रेस प्रत्याशी से हारे थे। मध्य प्रदेश में भाजपा का पूरा फोकस आदिवासी वोटरों पर है। आरक्षित सीटों पर भाजपा का प्रदर्शन सत्ता में लौटने का रास्ता साफ करेगा। इसके अलावा धुर्वे का महाराष्ट्र में सह-प्रभारी के तौर पर प्रदर्शन भी अच्छा रहा है। इसे देखते हुए उन्हें पद पर कायम रखा गया है। मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता को सह-कोषाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी से मुक्त करने की वजह विधानसभा और लोकसभा चुनावों की तैयारी से जोड़ी जा रही है।
मध्यप्रदेश से जेपी नड्डा की टीम में शामिल मंदसौर के सांसद सुधीर गुप्ता की नई टीम में राष्ट्रीय सह कोषाध्यक्ष पद से छुट्टी की गई है। सूत्रों की मानें तो गुप्ता की परफॉरमेंस से नेतृत्व संतुष्ट नहीं था। इस वजह से उन्हें हटाया गया है।