चुनावी साल में दिग्गज संभालेंगे कमान, पीएम मोदी-शाह के दौरे तय


भोपाल । मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए जहां सियासी सरगर्मियां तेज हैं, वही भाजपा के दिग्गज नेताओं ने एंटी इंकम्बेंसी खत्म करने की जिम्मेदारी संभाल ली है। पीएम मोदी और अमित शाह के मध्यप्रदेश के दौरे के जरिए भाजपा को मजबूत बनाने की तैयारी है। बीते कुछ महीनों में पीएम मोदी और अमित शाह के मध्य प्रदेश में लगातार दौरे हुए हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 24 फरवरी को सतना आ रहे हैं।
अमित शाह 24 फरवरी को दोपहर 12:25 बजे छतरपुर जिले के खजुराहो एयरपोर्ट पहुंचेंगे। इसके बाद सतना जिले के मैहर हेलीपैड पहुंचेंगे। वहां मां शारदा देवी मंदिर में दर्शन कर पूजा-अर्चना करेंगे। इसके बाद सतना पहुंचकर शबरी माता जयंती के अवसर पर आयोजित कोल जनजाति महाकुंभ में शामिल होंगे। शाम 5:00 बजे सतना के मेडिकल कॉलेज कैंपस में मेडिकल कॉलेज का उद्घाटन करेंगे और जनसभा को संबोधित करेंगे। केंद्रीय मंत्री अमित शाह देर शाम ओम इंटरनेशनल होटल पहुंचकर बैठक लेंगे।

विंध्य में भाजपा को मजबूत करने का लक्ष्य
बताया जा रहा है विंध्य इलाके में भाजपा को मजबूत करने के लिए शाह की बैठक होगी। अगले दिन 25 फरवरी को सतना एयरपोर्ट से खजुराहो होते हुए गोरखपुर के लिए रवाना होंगे। अमित शाह का यह दौरा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि विधानसभा चुनाव के पहले भाजपा अपने गढ़ को और मजबूत बनाना चाहती है। यही वजह है कि शाह विंध्य क्षेत्र के नेताओं के साथ बैठक करेंगे।

जून में भोपाल आएंगे पीएम मोदी
दूसरी तरफ जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भोपाल दौरा प्रस्तावित है। उनके दौरे को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंगलवार को मंत्रालय में बैठक की। पीएम मोदी भोपाल में बन रहे ग्लोबल स्किल पार्क का जून में लोकार्पण करेंगे। अफसरों को हर हाल में जून में काम पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। मुख्यमंत्री शिवराज ने साफ कहा है कि लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ग्लोबल स्किल पार्क को महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट बताते हुए इसे जल्द से जल्द पूरा करने के लिए कहा है।

अपने हाथ में रिमोट
राज्य सरकार ने ग्लोबल स्किल पार्क के उद्घाटन के लिए पीएम मोदी को न्योता दिया है।  इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मोदी और शाह की जोड़ी मध्यप्रदेश में लगातार सक्रिय नजर आ रही है। इससे पहले पीएम मोदी कूनो पालपुर में चीतों को रिलीज करने, उज्जैन में महाकाल लोक के लोकार्पण और इंदौर में प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शामिल हो चुके हैं। शाह भी मध्यप्रदेश में लगातार दौरे कर रहे हैं। मतलब साफ है कि 2023 के आखिरी में होने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश इकाई के बजाए खुद फैसले लेने के मूड में है।