जयपुर । प्रदेश की गहलोत सरकार ने विजन 2030 का डॉक्यूमेंट जारी कर दिया है सरकार सभी वर्गों से विजन 2030 के लिए सुझाव मांग रही है ऑफलाइन और ऑनलाइन सुझाव मांगे जा रहे है लेकिन अब सुझाव पर सियासी पारा गरमा गया है क्योंकि राज्य सरकार ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई को भी विजन 2030 डॉक्यूमेंट में सुझाव के लिए आमंत्रित किया है राज्य सरकार की ओर से पीएफआई को आमंत्रित करने पर नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने तीखा हमला बोला है. राठौड़ ने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार की तुष्टिकरण का चेहरा एक बार फिर प्रदेश की जनता के सामने आ चुका है।
राजस्थान विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ ने ट्वीट कर कहा कि विजन-2030 दस्तावेज के लिए राज्य सरकार की ओर से प्रतिबंधित संगठन पीएफआई को आमंत्रित करने से कांग्रेस के तुष्टिकरण की राजनीति का चेहरा एक बार फिर सबके सामने आ गया है टेरर फंडिंग मामले में पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों पर केन्द्र सरकार ने प्रतिबंध लगाया हुआ है, लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस नेता पीएफआई के साथ गलबहियां करते रहते हैं. अब तो एक कदम आगे बढ़कर पीएफआई से विजन 2030 के लिए सुझाव मांगने के लिए आमंत्रित किया गया। राठौड़ ने कहा कि पीएफआई का नाम कार्यक्रम में आमंत्रित संगठनों की लिस्ट में 43वें नंबर पर था मुख्यमंत्री अशोक गहलोत क्या आप ऐसा विजन बनाना चाहते हैं जिससे राजस्थान सांप्रदायिकता की भट्टी में जलता रहे ? राठौड़ ने कहा कि कोटा में पीएफआई जैसे प्रतिबंधित संगठन को हिजाब रैली की अनुमति देने वाले, छबड़ा हिंसा के मुख्य आरोपी आसिफ हसाड़ी को मुख्यमंत्री निवास पर इफ्तार पार्टी में आमंत्रित करने वाले और जयपुर बम ब्लास्ट में लचर पैरवी करने के लिए जिम्मेदार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का पीएफआई के साथ अटूट संबंध जगजाहिर है राठौड़ ने कहा कि इतिहास गवाह है कि तुष्टिकरण और वोट बैंक की राजनीति में घिरी कांग्रेस ने हमेशा राष्ट्रविरोधी और प्रतिबंधित संगठनों को बढ़ावा देने का काम किया है. गहलोत सरकार में पीएफआई को मिला सत्ता का संरक्षण किसी से छिपा नहीं है।