जयपुर | देश भर कोहरे की मार है। घना कोहरा होने के कारण ट्रेने लगातार लेट हो रही हैं। इस कारण यात्रियों को परेशानी हो रही है। आम दिनों में भी ट्रेन लेट होने पर रेलवे की जमकर आलोचना होती है। लेकिन, एक डेढ़ साल का बच्चा अपने पसंदीदा खिलौने के लिए घर जाकर ना रोए, इसके लिए रेलवे ने कुछ ऐसा कर दिखाया जिसकी जमकर तारीफ हो रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अुनसार एक विवाहित कपल अपने 19 महीने के साथ बच्चे के साथ सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन में यात्रा कर रहा था। इस दौरान बच्चे के पास एक खिलौना जिससे वह रास्ते भर खेलता हुआ आ रहा था। निर्धारित स्टेशन आने पर दंपति ट्रेन से उतर गए, लेकिन उनके बच्चे का खिलौना वहीं छूट गया।

दंपति के पास वाली सीट पर बैठकर रहे यात्रा कर रहे यात्री भुसीन पटनायक की नजर उस खिलौने पर पड़ी। इसके बाद उसने रेलवे रेलवे हेल्पलाइन नंबर 139 पर इसकी सूचना दी। पटनायक ने टोल फ्री नंबर पर कॉल कर बताया कि सिकंदराबाद-अगरतला स्पेशल ट्रेन नंबर 07030 के बी-2 कोच की सीट नंबर-10 और 11 पर एक कपल यात्रा कर रहा था। उनके बच्चे का खिलौना यहीं छूट गया। आमतौर पर ट्रेन में छूटी इस तरह की चीजों को या तो सह यात्री ले जाता है या फिर उन्हें अगले रेलवे स्टेशन पर खोया-पाया डेस्क पर जमा करा दिया जाता है।

लेकिन, भुसीन पटनायक की कॉल के बाद रेलवे ने वह खिलौना बच्चे तक पहुंचाने का निर्णय किया और इसकी कवायद शुरू की गई।
रेलवे के सबसे मुश्किल था सीट पर बैठे उसे यात्री की पहचान करना और उसके घर का पता जुटाना। इसके लिए एक टीम का गठन किया गया। जांच के दौरान पता चला कि दंपति ने सिकंदराबाद रेलवे स्टेशन के रिजर्वेशन काउंटर से टिकट खरीदा था। रिजर्वेशन के लिए भरे गए फार्म से यात्री की जानकारी जुटाई गई। जिससे उसकी पहचान मोहित रजा और नसरीन बेगम के रूप में हुई।

दंपति जिला-उत्तर दिनाजपुर काजी गांव का रहने वाला था। रेलवे स्टेशन अलुआबारी से ये गांव 20 किमी दूर था। इसके बाद भी रेलवे की टीम खिलौने को लेकर दंपति के घर पहुंची। खिलौना मिलते ही बच्च उससे खेलने लगा। रेलवे के इस प्रयास को दंपति ने भी सराहा है। उन्होंने कहा कि आज तक हमने ये नहीं सुना था कि रेलवे ने ट्रेन में छूटी हुई चीज को इस तरह किसी के घर तक पहुंचाया हो। हमें इस बात की बहुत खुशी ने बच्चे के खिलौने के लिए रेलवे ने ऐसा किया।