नई दिल्ली । केंद्र सरकार अपने अधिकारियों को हर क्षेत्र में पारंगत बनाना चाहती है। भले ही वो अधिकारी आईएएस, आईपीएस या आईएफएस ही क्यों न हों। अब आईपीएस और विदेश सेवा के अधिकारी भी कृषि एवं ग्रामीण विकास की जानकारी हासिल करेंगे। सर्विस डिलीवर प्रबंधन, सामाजिक नीति (गवर्नेंस) और सोशल सेक्टर (फाइनेंस एंड मार्केटिंग) जैसे विषयों को लेकर अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों को ट्रेनिंग दी जाएगी। डीओपीटी द्वारा तैयार किए गए ट्रेनिंग शेड्यूल में भूमि अधिग्रहण, लीडरशिप व पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप आदि बातें भी शामिल की गई हैं।
एक सप्ताह के इस कोर्स में आईएएस, आईपीएस व आईएफएस के अलावा सेंट्रल स्टाफिंग योजना के तहत काम कर रहे अधिकारी, केंद्रीय सचिवालय सेवा के अफसर और सीएसएसएस के डिप्टी सेक्रेटरी, सीनियर पीपीएस एवं इसके ऊपर के अधिकारी भी शामिल होंगे। इस कोर्स के पीछे केंद्र सरकार का मकसद है कि अधिकारियों को सभी विषयों की जानकारी होनी चाहिए। जैसे खरीद प्रक्रिया से तकरीबन सभी विभागों को गुजरना पड़ता है, ऐसे में यह जानकारी सभी अधिकारियों को होनी चाहिए। करप्शन समाप्त करने की रणनीति, इसे लेकर भी केंद्र सरकार गंभीर है, इसलिए उक्त कोर्स में इस विषय को भी शामिल किया गया है। चूंकि इन विषयों से संबंधित फाइलों का निपटारा किसी एक टेबल पर नहीं होता, इसमें कई सारे पड़ाव रहते हैं। डिप्टी सेक्रेटरी, सीनियर पीपीएस से लेकर कई जगहों से ये फाइलें गुजरती हैं। ऐसे में सभी अधिकारियों को ट्रेनिंग देने का निर्णय लिया गया है।      
एडमिनिस्ट्रेटिव लॉ, कृषि एवं ग्रामीण विकास, मौसम के बदलते व्यवहार के मद्देनजर तैयारी, कम्पीटिशन लॉ (पॉलिसी फॉर्मेशन), करप्शन समाप्त करने की रणनीति, शिक्षा (सुधार एवं चुनौतियां), पर्यावरण एवं प्राकृतिक संसाधन, एनवायरनमेंटल इम्पेक्ट असेसमेंट (डेवेलपमेंट प्रोजेक्ट), ई गवर्नेंस (अवसर एवं चुनौतियां), एथिक्स (पब्लिक गवर्नेंस एंड एडमिनिस्ट्रेशन), राजकोषीय नीति (माइक्रो इकॉनोमिक मैनेजमेंट), आईटी मैनेजमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर, इन्नोवेशन (पब्लिक सर्विस), भूमि अधिग्रहण, लीडरशिप, पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप, खरीद नीति, प्रोजेक्ट एनालिसिस/अप्रेजल (रिस्क एनालिसिस/मेनेजमेंट), सार्वजनिक नीति प्रबंधन, सर्विस डिलीवर प्रबंधन, सामाजिक नीति (गवर्नेंस), सोशल सेक्टर (फाइनेंस एंड मार्केटिंग), अर्बन डेवलपमेंट, साइबर क्राइम, स्ट्रेस मैनेजमेंट, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस, ग्रीन एनर्जी, ग्राम विकास, जियो पॉलिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डाटा एनालिटिक्स इन डिसीजन मेकिंग आदि बातें एक सप्ताह के इन सर्विस ट्रेनिंग प्रोग्राम का हिस्सा रहेंगी।
कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग की ट्रेनिंग शाखा ने विभिन्न संस्थानों को यह कोर्स कराने का प्रपोजल दिया है। संस्थान के पास इस तरह के कोर्स कराने का कोई अनुभव है या नहीं, आदि बातों की जानकारी मांगी गई है। यह कोर्स जुलाई 2023 और मार्च 2024 के बीच होगा। संस्थान को अपने फैकल्टी मेंबर और उनकी योग्यता की जानकारी देनी पड़ेगी। यह भी बताना होगा कि सरकारी सेवकों को किस तरह की ट्रेनिंग दी जाए कि वे अपनी ड्यूटी को और ज्यादा प्रभावी तरीके से पूरा कर सकें। विशेष स्किल, ड्राफ्ट प्रोग्राम डिजाइन और एक दिवसीय फील्ड विजिट के लिए आईएसटी प्रोग्राम जैसी जानकारियां मुहैया करानी होंगी। इस कोर्स के लिए संबंधित अधिकारी 16 जून तक अपना आवेदन दे सकते हैं।