सीएसएमटी को जोड़ने वाला ब्रिज अब भी अधूरा, जनता का धैर्य टूट रहा
भायखला केबल-स्टे ब्रिज प्रोजेक्ट की पड़ताल: वादों की तारीख़ें बदलीं, निर्माण अब भी अधूरा
मुंबई: भायखला के 103 साल पुराने 'वाई-आकार' पुल की जगह अब एक आधुनिक केबल-स्टे ब्रिज बनने जा रहा है, जो पूर्व-पश्चिम मुंबई को जोड़ने का एक अहम संपर्क मार्ग होगा। इसमें अतिरिक्त 8 लेन, 916 मीटर लंबाई, और सेल्फी पॉइंट जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल होंगी। हालाँकि, इस बहुप्रतीक्षित परियोजना की डेडलाइन एक बार फिर आगे बढ़ा दी गई है – अब 2026।
2024 से 2025 और अब 2026: तारीखें बदलती रहीं
इस प्रोजेक्ट को पहले 2024 में शुरू किया जाना था, फिर इसे 2025 तक पूरा करने की बात कही गई, लेकिन अब मार्च 2026 को डेडलाइन घोषित की गई है। विशेषज्ञों और स्थानीय नागरिकों का मानना है कि इसमें और भी देरी हो सकती है।
पुराने पुल की स्थिति और नया निर्माण
भायखला का मौजूदा पुल वर्ष 1922 में बना था और आईआईटी मुंबई की ऑडिट रिपोर्ट में इसे असुरक्षित घोषित किया गया था। इसके बाद इसे हटाकर नया केबल-स्टे ब्रिज बनाने का निर्णय लिया गया। इसका निर्माण महाराष्ट्र रेल अधोसंरचना विकास निगम (MRIDC) यानी महारेल के जिम्मे सौंपा गया है।
ब्रिज की संरचना और रूट
यह ब्रिज सीएसएमटी के पास महानगर गैस स्टेशन से शुरू होकर दो हिस्सों में बंटेगा:
पहला हिस्सा: भायखला पूर्व – डेक्कन मर्चेंट को-ऑपरेटिव बैंक के पास तक
दूसरा हिस्सा: भायखला पश्चिम – मुंबई फायर ब्रिगेड मुख्यालय तक
परियोजना की विशेषताएं
कुल लंबाई (एप्रोच सहित): 916 मीटर, ऊँचाई: 9.7 मीटर, अतिरिक्त लेन: 6 से बढ़ाकर 8 लेन,सेल्फी पॉइंट की भी योजना, कुल लागत: ₹280 करोड़
निर्माण कार्य की स्थिति
महारेल के अधिकारियों के अनुसार, ट्रैफिक बाधित किए बिना चरणबद्ध निर्माण कार्य किया जा रहा है। पहले चरण में मौजूदा पुल के समानांतर नया पुल तैयार किया जाएगा। उसके बाद पुराने पुल को हटाकर नए हिस्से से जोड़ा जाएगा। पहला चरण मार्च 2026 तक पूरा करने का अनुमान है, जबकि दूसरा चरण 280 दिनों में पूरा किया जाएगा।
स्थानीय जनता का असंतोष
स्थानीय निवासियों का आरोप है कि निर्माण की गति बहुत धीमी है और बार-बार बढ़ती डेडलाइन से जनता का भरोसा टूट रहा है। लोगों की मांग है कि इस महत्वपूर्ण ब्रिज को जल्द से जल्द पूरा किया जाए ताकि ट्रैफिक समस्या से राहत मिल सके।