जयपुर । मुख्य सचिव श्रीमती उषा शर्मा ने शासन सचिवालय में मिशन-2030 से सम्बंधित  विभागीय सचिवों  की  समीक्षा बैठक लेते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री अशोक गहलोत की प्रगतिशील सोच की संकल्पना को साकार करने एवं राज्य को 2030 तक देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए राजस्थान मिशन - 2030 के अंतर्गत राज्य का विजऩ -2030 दस्तावेज तैयार किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत राज्य के विभिन्न विभागों द्वारा आमजन एवं हितधारकों के साथ संवाद कर राजस्थान को 2030 तक प्रत्येक क्षेत्र में सिरमौर बनाने के लिए सुझाव आमंत्रित किये जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि मिशन-2030 के अंतर्गत जनकल्याण एप के माध्यम से फेस टू फेस सर्वे किया जा रहा है जिसके तहत लगभग 40 लाख से अधिक भागीदारों से संवाद कर सुझाव लिए जा चुके हैं। वहीं मिशन-2030 की वेबसाइट के माध्यम से लगभग 80 हजार से अधिक नागरिकों एवं विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों से सुझाव प्राप्त हो  चुके हैं। इसी क्रम में विभागीय हितधारकों के साथ परामर्श, आइवीआर सर्वे, इंटरैक्टिव विडियो सर्वे एवं फॉर्म भरवाकर  लगभग 10 लाख से अधिक भागीदारों से सुझाव लिए जा चुके हैं, जिनका अध्ययन विश्लेषण कर उन्हें विजऩ-2030 दस्तावेज में शामिल किया जायेगा। उन्होंने बताया कि विभिन्न विभागों के द्वारा ऑनलाइन सेंसिटाइज़ेशन कार्यक्रम भी आयोजित किये गए हैं। जिनके दौरान लगभग 26 लाख से अधिक कार्मिकों एवं नागरिकों ने मिशन-2030 के बारे में जानकारी प्राप्त की है। उन्होंने बताया कि स्कूल एवं कॉलेज  विद्यार्थियों के सुझाव  मिशन-2030 में शामिल करने के लिए राज्य भर के स्कूलों एवं कॉलेजों  में 8 सितंबर को निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया था, जिसके तहत विद्यार्थियों द्वारा 2030 तक राज्य को सर्वश्रेष्ठ राज्य की श्रेणी में शामिल करने के लिए निबंध के जरिये सुझाव दिए गए हैं। इस प्रकार युवाओं से प्राप्त अच्छे सुझावों को भी विजऩ -2030 दस्तावेज में शामिल किया जायेगा। उन्होंने इस मिशन के दौरान नागरिकों से बढ़ चढ़कर राज्य के विकास के बारे में सुझाव देने की अपील की।