भारतीय टीम जूनियर पुरुष विश्वकप हॉकी सेमीफाइनल में बृहस्पतिवार को जर्मनी जैसी मजबूत टीम के सामने होगी तो उसका लक्ष्य जीत की लय को बरकरार रखते हुए चौथी बार टूर्नामेंट के फाइनल में प्रवेश का होगा। विश्व रैंकिंग में तीसरे स्थान पर काबिज भारत ने चौथी रैंकिंग वाली नीदरलैंड टीम को क्वार्टर फाइनल में 4-3 से हराया था। हाफ टाइम तक दो गोल से पिछड़ने के बाद शानदार वापसी करते हुए भारत ने जीत दर्ज की।

कप्तान उत्तम सिंह ने आखिरी सीटी बजने से तीन मिनट पहले विजयी गोल दागा। उपकप्तान अरिजीत सिंह हुंडल ने मैच में दो गोल किए। कप्तान उत्तम ने कहा, ‘हमें दबाव में खेलने की आदत हो गई है। पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप फाइनल हो या जोहोर कप में कांस्य का मुकाबला, हमने दबाव में ही खेलकर जीत दर्ज की है। हमने इस पर काम किया है और इस कौशल को निखारा है। इस टीम के पांच खिलाड़ी पहले भी जूनियर विश्व कप खेल चुके हैं और यह अनुभव काम आ रहा है।’

भारत का मनोबल इसलिए भी बढ़ा है कि गोल गंवाने के बाद टीम ने वापसी की है। नीदरलैंड के खिलाफ शुरुआत में बैकफुट पर रहने के बाद उन्होंने आक्रामक खेल दिखाकर जीत दर्ज की। जर्मन टीम को हराना आसान नहीं होगा क्योंकि उसका डिफेंस बहुत मजबूत है। इसके अलावा वे तेजी से जवाबी हमले बोलने में माहिर हैं। डच टीम के खिलाफ रोहित ने आखिरी क्वार्टर में छह पेनाल्टी कॉर्नर बचाकर भारत को जीत दिलाई। भारतीय टीम को पेनाल्टी कॉर्नर देने की इस आदत से बचना होगा क्योंकि जर्मनी के खिलाफ यह भारी पड़ सकती है।