बच्चों को महान संस्कृति एवं महापुरूषों की जीवनी पढ़ाए-गहलोत
जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुख्यमंत्री निवास पर बाल दिवस के अवसर पर आयोजित राज्य स्तरीय बाल अधिकार सप्ताह के शुभारंभ समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बच्चे हमारे देश का भविष्य हैं। बच्चों एवं युवा पीढ़ी को शिक्षा के साथ-साथ संस्कार भी दिए जाएं। इनका शिक्षित होने के साथ ही संस्कारी होना भी आवश्यक है। इसके लिए जरूरी है कि बच्चों को देश-प्रदेश की महान संस्कृति, महापुरूषों के आदर्शों, संघर्ष, त्याग, बलिदान एवं समर्पण के बारे में पढ़ाया जाए।
उन्होंने बच्चों से कहा कि वे महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अबुल कलाम आजाद, डॉ. भीमराव अंबेडकर सहित आजादी और देश की प्रगति में अहम भूमिका निभाने वाले महापुरूषों की जीवनी पढ़ें। बच्चे देश के स्वर्णिम इतिहास को जानने के साथ संस्कारवान बनें। देश और प्रदेश की महान परम्परा और संस्कृति को अपनाएं तथा देश की प्रगति के लिए अपने आप को समर्पित करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ एक संस्कारवान पीढ़ी तैयार करना सरकार और समाज की बड़ी जिम्मेदारी है। राज्य सरकार द्वारा बच्चों में साहित्य के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए पंडित जवाहर लाल नेहरू बाल साहित्य अकादमी बनाई गई है। साथ ही कई योजनाओं के जरिए भी बच्चों का भविष्य संवारा जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाल संरक्षण के लिए कृत-संकल्पित राज्य सरकार का अगला बजट युवाओं एवं विद्यार्थियों को समर्पित होगा। गहलोत ने कहा कि प्रदेश में बाल हितों के संरक्षण के लिए सरकार निरंतर काम कर रही है। विभाग और राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग भी इस दिशा में प्रभावी भूमिका निभा रहा है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में कोई भी बच्चा अपने अधिकारों से वंचित न रहे। उन्हें आगे बढऩे के हर अवसर सुलभ हों। मुख्यमंत्री ने श्रीमती सुनीता गहलोत के साथ समारोह में चाचा नेहरू बने बच्चों के संग गुब्बारे उड़ाकर बाल सप्ताह का शुभारंभ किया। बच्चों ने गुलाब का फूल भेंट देकर उनका अभिनंदन किया। इसके बाद उन्होंने राज्य स्तरीय बाल अधिकार सप्ताह के पोस्टर का विमोचन भी किया। इस दौरान बच्चों ने आत्मरक्षा तकनीक का प्रदर्शन और बेटियों की महत्ता को दर्शाते गीत का गायन किया। समारोह के दौरान गहलोत ने बाल हितैषी पंचायत अभियान जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। समारोह में बाल अधिकारिता एवं महिला व बाल विकास मंत्री श्रीमती ममता भूपेश, राजस्थान राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती संगीता बेनीवाल, आयोग के सदस्य, यूनिसेफ की स्टेट हेड इजावेल वार्डम, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के शासन सचिव डॉ. समित शर्मा, बाल हितैषी पंचायत अभियान के संयोजक श्री विपिन तिवारी सहित बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि एवं बच्चे उपस्थित रहे।