जामताड़ा। दुमका से भाजपा की लोकसभा प्रत्याशी सीता सोरेन ने अपने परिवार पर ही निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि जिन्हें मेरे पति स्व. दुर्गा सोरेन और बाबा (गुरुजी) ने थाली में परोसकर झारखंड की विरासत सौंपी।

वहीं, अपने संस्कारों को भूल हमारी अनदेखी करते रहे। मेरे देवर-देवरानी ने कभी झारखंड के लिए संघर्ष किया ही नहीं। इन्हें तो थाली में परोसकर विरासत मिली है।

सीता सोरेन ने आगे ये भी कहा कि जो अपने परिवार के नहीं हुए तो यहां की जनता के कैसे हो सकते हैं। ये भला यहां की जनता के बारे में क्या सोचेंगे। इन्होंने तो प्रदेश को लूट और भ्रष्टाचार का चारागाह बनाकर रख दिया है।

बैठक के बाद मीडिया से सीता सोरेन हुईं रूबरू

सीता सोरेन बुधवार को प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की अगुवाई में जामताड़ा भाजपा कार्यालय में आयोजित कार्यकर्ता बैठक के बाद मीडिया से रूबरू हो रही थीं।

सीता सोरेन के शब्दों के बाण का शिकार आज उनका हर वह सगा था, जो आज उनके चुनावी समर को रोकने को सामने से धनुष ताने खड़े हैं।

सीता सोरेन ने नलिन को उनके प्रतिद्वंद्वी के तौर पर मैदान में उतारने की बात पर उनका नाम लिए बगैर कहा कि वह जहां से आए हैं, वहीं लौटकर चले जाएं। इस बार की लड़ाई एकतरफा है। उनके साथ लोकसभा क्षेत्र की जनता, भाजपा कार्यकर्ता और बाबा (गुरुजी) का आशीर्वाद है।

दुर्गा सोरेन की हुई संदिग्ध मौत की जांच करवाएंगे : सीता सोरेन

तीन बार जामा से विधायक बनने के सवाल पर सीता सोरेन ने कहा उन्होंने यह जीत अपने पति स्व. दुर्गा सोरेन के त्याग और बलिदान की वजह से दर्ज की है, देवर-देवरानी के सहयोग से नहीं। आने वाले दिनों में प्रदेश में हमारी सरकार होगी तब दुर्गा सोरेन की हुई संदिग्ध मौत की जांच करवाएंगे। अभी तो पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ही जेल के अंदर हैं। आने वाले दिनों में और भी कई लोग अंदर नजर आएंगे।

वहीं, लोकसभा प्रत्याशी बदले जाने के सवाल पर बाबूलाल मरांडी ने कहा कि यह पार्टी और नेतृत्व का निर्णय होता है। सिर्फ प्रत्याशी बदलने से चुनावी समीकरण नहीं बदलता।