शिवराज ने अचानक बुलाई कैबिनेट की बैठक
भोपाल। मध्य प्रदेश में एक तरफ जहां सभी को 3 दिसंबर को आने विधानसभा चुनाव के नतीजों का है, तो दूसरी तरफ शिवराज कैबिनेट की अंतिम बैठक का आयेाजन किया जा रहा है। इस बैठक का आयेाजन मतगणना से ठीक पहले किया जा रहा है। आपको बता दें कल 30 नवंबर को शिवराज कैबिनेट की बैठक बुलाई गई है। शिवराज सरकार की यह अंतिम बैठक होगी। बैठक मंत्रालय में सुबह 11.30 बजे बुलाई गई है। इस बैठक में सभी वरिष्ठ अधिकारियों को भी बुलाया गया है। इधर कांग्रेस आरोप लगा रही है कि बिना एजेंडा बुलाई गई कैबिनेट बैठक के जरिए शिवराज सरकार मतगणना को प्रभावित कर सकती है।
शिवराज केबिनेट की ये बैठक ईवीएम से नई सरकार निकलने से ठीक 3 दिन पहले बुलाई गई है। इस बैठक का कोई एजेंडा नहीं है। फिर भी ये बैठक बुलाई गई है। इसे पहले सीएम शिवराज 4 अक्टूबर को अपने कैबिनेट के साथ बैठक ले चुके हैं। अब इस पूरे मामले में कांग्रस आरोप लगा रही है कि सरकार आने वाली 3 दिसंबर को मतगणना में गड़बड़ी करने के लिए तैयारी कर रही है। हालांकि राज्यमंत्रालय के सूत्रों के सूत्रों का कहना है कि कैबिनेट बैठक प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को विदाई देने के लिए बुलाई गई है।
बैंस की विदाई का कार्यक्रम
इस समय कांग्रेस चुनाव आयेाग से अपील कर चुकी है कि वे जल्द से जल्द प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस कार्य मुक्त करेद्ध उनका कार्यकाल कल 30 नवंबर को समाप्त हो रहा है। इसके पहले इकबाल सिंह बैस को दो एक्सटेंशन दिए गए हैं। ऐसे में अटकलें लगाई जा रही है कि सरकार अब उनके कार्यकाल को आगे नहीं बढ़ाना चाहती है। इसी कारण ये केबिनेट बैठक बुलाई गई है। ताकि इस बैठक में उनको विदाई दी जा सके।
पिछली कैबिनेट बैठक में हुए थे ये काम स्वीकृत
शिवराज केबिनेट की आखिरी बैठक में उज्जैन जिले में उन्हेल, बालाघाट जिले में लामता, रायसेन जिले में बम्होरी और सुल्तानगंज और मंदसौर जिले में कयामपुर को नई तहसील की स्वीकृति दी गई थी। इसके अलावा नया पांढुर्ना जिला बनाने का प्रस्ताव भी इसी बैठक में पास किया गया था। प्रदेश में 17 नवंबर को 230 विधानसभा सीट के लिए मतदान हुआ था। इसके बाद बाद 3 दिसंबर को मतगणना होगी है।
कांग्रेस लगा रही आरोप
इधर, शिवराज सरकार की आखिरी बैठक को लेकर प्रदेश भर में सियासत शुरू हो चुकी है। कांग्रेस का आरोप है कि शिवराज इस बैठक के जरिए आने वाने दिनों में होने वाली मतगणना को प्रभावित करने की तैयारी कर रहे हैं। इसी कारण कैबिनेट बैठक बुलाई गई है। इसके अलावा कांग्रेस कह रही है कि सत्ता का मोह छूटता नहीं है। शायद अखिरी बार सत्ता को छूकर देखना चाहते हैं। ताकि वनवास में पुराने अहसास की यादें बनी रहें।