देवघर स्थित त्रिकुट पर्वत पर रोपवे का निर्माण नए सिरे से होगा। इसके निर्माण के लिए डीपीआर तैयार की जाएगी। पर्यटन, कला-संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के अंतर्गत कार्यरत झारखंड पर्यटन विकास निगम लिमिटेड ने इसे लेकर विशेषज्ञ एजेंसी के चयन प्रक्रिया शुरू कर दी है।

विशेषज्ञ एजेंसी को डीपीआर तथा टेंडर प्रस्ताव तैयार करने से लेकर इसके संचालन की निगरानी की जिम्मेदारी दी जाएगी। डीपीआर का निर्माण हादसे की जांच को लेकर गठित उच्चस्तरीय समिति द्वारा की गई अनुशंसा के आलोक में किया जाएगा। साथ ही पूर्व की तकनीकी त्रुटियों को भी ध्यान में रखा जाएगा।

रोपवे के लिए डीपीआर का निर्माण बिहार में लागू बीआईएस मानकों तथा ओडिशा रोपवे अधिनियम, 1924 के प्रविधानों तथा उच्चस्तरीय जांच कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने को लेकर राज्य सरकार के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए किया जाएगा।

चयनित एजेंसी रोपवे के निर्माण में गुणवत्ता का ध्यान रखते हुए निर्धारित अवधि के भीतर काम पूरा कराएगी। जेटीडीसी द्वारा रोपवे के संचालन शुरू करने से पहले फिटनेस प्रमाणपत्र देने की भी इसकी जिम्मेदारी होगी। साथ ही अगले पांच-पांच वर्ष के लिए रोपवे का वार्षिक फिटनेस प्रमाणपत्र इसके द्वारा दिया जाएगा।

त्रिकूट में 10 अप्रैल, 2022 को रोपवे टूटने से हादसा हुआ था। इसमें तार टूटने की वजह से ट्रॉलियां ऊंची पहाड़ी पर लटक गईं, जिसमें 48 लोग 24 घंटे से ज्यादा देर तक ट्रालियों में फंसे रहे, जबकि तीन लोगों की मौत हो गई।

सेना, एनडीआरएफ और अन्य बचाव दल की मदद से बाकी लोगों को बचाया गया। मामले की जांच के लिए उच्चस्तरीय समिति गठित की गई थी, जिसमें वित्त सचिव अजय कुमार सिंह, आपदा प्रबंधन सचिव अमिताभ कौशल तथा अन्य तकनीकी सदस्य सम्मिलित थे। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि रोपवे में लगा रिटर्न शाफ्ट टूटने से यह हादसा हुआ। शाफ्ट के स्टील में हाइड्रोजन बबल बने थे।

हाइड्रोजन की मात्रा दो से तीन पीपीएम होनी चाहिए, लेकिन यह 5.62 पीपीएम थी जो कि 85 प्रतिशत से अधिक थी। इससे शाफ्ट में दरारें बनीं और वह टूट गईं। रोपवे के बेयरिंग में ग्रीस भी कम थी, जिससे घर्षण अधिक पैदा हुआ और शाफ्ट टूटा।

बताया जाता है कि जांच रिपोर्ट के आधार पर रोपवे का संचालन करने वाली एजेंसी पर नौ करोड़ रुपये जुर्माना लगाने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव के अनुसार, इसमें पांच करोड़ रुपये रोपवे के निर्माण पर खर्च होंगे, जबकि तीन करोड़ इसके संचालन में खर्च किया जाएगा।