रायपुर :  गौठानों में बनाए गए महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) अब महिलाओं की आर्थिक समृद्धि का आधार बनते जा रहे हैं। इससे ग्रामीण महिलाओं के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव आने लगा है। आत्मनिर्भरता आने से सामाजिक रूप से उनका सम्मान भी बढ़ रहा है। प्रदेश के दूरस्थ वनांचल क्षेत्र कोंडागांव के छोटे राजपुर में महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क की स्थापना से यहां की महिलाओं को रोजगार की नई राह मिली हैं। यहां बमलेश्वरी महिला स्व सहायता समूह ने इस वर्ष मार्च में पोल्ट्री फॉर्मिंंग का काम शुरू कर काफी सफलता पाई है। महिला समूह ने पोल्ट्री फॉर्मिंंग से 6-- महीनों में ही 2 लाख 33 हजार से अधिक अंडों का उत्पादन कर लिया है। इसमें से 2 लाख साढ़े 26 हजार अंडों की बिक्री हो चुकी है। समूह अब तक 12 लाख 91 हजार रुपए के अंडे बेच चुकी है। यह समूह महिला एवं बाल विकास विभाग के साथ ही स्थानीय व्यापारियों को भी अंडों की आपूर्ति कर रही है। जिससे समूह की महिला सदस्यों की आय बढी है। इससे इनके जीवन स्तर में सुधार के साथ ही सम्मान में भी वृद्धि हुई है।
     बमलेश्वरी महिला स्व-सहायता समूह की अधिकांश महिलाएं रीपा में काम शुरू करने के पहले घरेलू कार्य के साथ मजदूरी करती थीं। उन्हें खेती-किसानी के दौरान काम तो मिल जाता था, लेकिन बाकी समय इन्हें काम खोजने में मुश्किलें आती थी। गांव में ग्रामीण औद्योगिक पार्क खुलने के बाद इन्होंने यहां अंडा उत्पादन का कार्य प्रारंभ किया। रीपा में इन्हें बिजली, पानी, लेयर फार्मिंग के लिए स्थान आदि सुविधाएं मिलने से कार्य प्रारंभ करने में आसानी हुई। प्रोटीन के प्रचुर स्रोत अंडों की मांग बाजार में अच्छी होने के कारण विक्रय की समस्या कभी नहीं रही। समूह के सदस्यों ने रीपा के माध्यम से गांव में ही रोजगार का अच्छा माध्यम उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के प्रति आभार जताया है।