बिलासपुर । सिम्स में सीनियर की जगह जूनियर डॉक्टर को प्रमोशन देने के मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। अगली सुनवाई जुलाई माह में निर्धारित की गई है।
डा अर्चना सिंह ने वर्ष 2002 में गुरु घासीदास विवि के अंतर्गत संचालित मेडिकल कालेज सिम्स में अपनी ज्वाइनिंग दी थी। इसके कुछ साल बाद विवि से अलग होकर सिम्स राज्य शासन के चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत आ गया। सिम्स प्रबंधन ने उनको एक नया अभ्यावेदन देकर ज्वाइन करने कहा। यह भी सुनिश्चित किया गया कि, पिछले 5 साल की  सेवा को इसमें शामिल किया जायेगा। 2007 में दोबारा ज्वाइनिंग ली गई। 2015 में जब प्रमोशन के लिए डीपीसी की गई तो डॉ अर्चना को लोअर रैंक में करते हुए उनसे जूनियर डॉक्टर को प्रोफेसर कम डायरेक्टर के पद पर प्रमोशन दे दिया गया, जबकि इस पद पर याचिकाकर्ता को नियुक्त किया जाना था। इसके खिलाफ उन्होंने एडवोकेट शाल्विक तिवारी के जरिये याचिका दायर की। सुनवाई के बाद कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव और शासन को याचिकाकर्ता की पिछली 5 वर्ष की सेवा की गणना कर नए सिरे से पदोन्नति का आदेश जारी करने का निर्देश दिया। निर्धारित अवधि में इस आदेश का पालन नहीं होने पर अवमानना याचिका दायर की गई। जस्टिस रजनी दुबे की सिंगल बेंच ने सुनवाई करते हुए स्वास्थ्य सचिव रेणु पिल्लई को अवमानना नोटिस जारी किया है।