जयपुर । कांग्रेस पार्टी ने राजस्थान में एक तरफ टिकट किसे मिले इसके लिए कई चरणों में मंथन चल रहा है, तो दूसरी तरफ अब कांग्रेस पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अपने चुनाव प्रचार को भी तेज कर दिया है. बीते 6 सितंबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने भीलवाड़ा के गुलाबपुरा में जनसभा की तो अब 10 सितंबर को प्रियंका गांधी राजस्थान के टोंक जिले की निवाई विधानसभा में जनसभा करेंगी अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित निवाई विधानसभा पर प्रियंका गांधी का प्रचार की शुरुआत करना साफ तौर पर इंगित कर रहा है कि पार्टी सबसे पहले अपने दलित कोर वोट बैंक को साधने के प्रयास में है. इसके साथ ही अपनी जीती हुई सीटों को मजबूत करना चाहती है।
प्रियंका गांधी निवाई विधानसभा में जनसभा करेगी तो साफ है कि अब सचिन पायलट के प्रभाव वाले क्षेत्र पर प्रियंका गांधी पायलट को साथ रखकर एक मैसेज भी जनता के बीच देना शुरू करेंगी की पायलट कांग्रेस पार्टी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वैसे भी सचिन पायलट को प्रियंका गांधी का नजदीकी माना जाता है. ऐसे में जो सचिन पायलट अब तक बड़े नेताओं की रैली में खुद गेस्ट की भूमिका में दिखाई दे रहे थे. आगामी 10 सितंबर को होने वाली प्रियंका गांधी की रैली में होस्ट की भूमिका में दिखेंगे। प्रियंका गांधी की निवाई में होने वाली सभा का असर टोंक, सवाई माधोपुर और जयपुर जिले के साथ ही अजमेर जिले पर भी पड़ेगा. इनमें से टोंक, सवाई माधोपुर और जयपुर में तो कांग्रेस को विधानसभा चुनाव 2018 में बड़ी जीत मिली थी. हालांकि अजमेर में पार्टी को नुकसान हुआ था, जिसकी भरपाई भी अब कांग्रेस पार्टी 2023 के विधानसभा चुनाव में करना चाहती है. ऐसे में साफ है कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा चुनाव में रिपीट करने के लिए सबसे पहले अपनी उन विधानसभा सीटों और जिलों पर ध्यान दे रही है जहां पार्टी पहले से मजबूत है और वर्तमान में ज्यादातर विधायक कांग्रेस पार्टी के हैं। प्रियंका गांधी के निवाई सीट पर आने से राजस्थान के टोंक और जयपुर की विधानसभा सीटों पर सीधा असर पड़ेगा. जहां विधानसभा 2018 में ज्यादातर सीटों पर कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी। टोंक जिले में टोंक, देवली उनियारा, निवाई और मालपुरा 4 विधानसभा सीटें आती हैं. इनमें से कांग्रेस पार्टी के पास वर्तमान में मालपुरा को छोड़ बाकी तीनों सीटों पर कब्जा है। वहीं निवाई विधानसभा से प्रियंका के प्रचार का जयपुर जिले की सीटों पर भी खासा असर पड़ेगा. पुराने जिले के आधार पर देखा जाए तो जयपुर की 19 विधानसभा सीटों में से 10 विधानसभा सीटों चाकसू, आदर्श नगर, बगरू, सिविल लाइंस, हवा महल,जमवा रामगढ़, झोटवाड़ा, किशनपोल, कोटपुतली, विराट नगर में कांग्रेस के विधायक हैं तो बस्सी, दूदू ओर शाहपुरा में जो निर्दलीय चुनाव जीते वो भी पुराने कांग्रेसी हैं।