नई दिल्ली । पंजाबी गायक और नेता शुभदीप सिंह सिद्धू उर्फ सिद्धू मूसेवाला की हत्या को 100 दिन से ज्यादा हो चुके है, लेकिन अभी तक पंजाब पुलिस की पहुंच असली कातिल तक नहीं हुई है। इधर मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। मानसा कोर्ट में दायर आरोप पत्र के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला के मर्डर की साजिश दिल्ली से लेकर पंजाब की 4 जेलों में रची गई। इतने बड़े स्केल पर साजिश को अंजाम दिया उससे मामले में कई रहस्य गहरा जाते हैं।
चार्जशीट में लिखा है कि जब 29 मई को मानसा के पास मूसेवाला की हत्या हुई, तब इसके 5 साजिशकर्ता पंजाब और दिल्ली की अलग-अलग जेलों में बंद थे। एक अन्य चार्जशीट के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य साजिशकर्ता लॉरेंस विश्नोई और जग्गू भगवानपुरिया जहां दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद थे, वहीं मनप्रीत मन्ना फिजोपुर जेल, सरज संधू बठिंडा जेल और मनमोहन सिंह मनसा जेल में कैद थे।
इन सभी आरोपियों को ट्रांजिट और प्रोडक्शन वारंट पर लाया गया है। सूत्रों के मुताबिक ये आरोपी जेल के भीतर व्हाट्सएप या फिर सोशल मीडिया एप के जरिए एक-दूसरे के संपर्क में थे। आरोप पत्र के मुताबिक मनप्रीत मन्ना तलवंडी सावो का रहने वाला है। उस ही सबसे पहले 31 मई को गिरफ्तार किया गया था। वह फिरोजपुर जेल में बंद था। उसपर एक अन्य आरोपी मनप्रीत भाव के लिए कार का इंतजाम करने की जिम्मेदारी थी। इसके बाद में इसी कार का इस्तेमाल शूटर जगरूपा रूपा और मनप्रीत मन्नू ने किया था। दूसरी ओर बठिंडा जेल में सरज संधू बंद था। उस 31 मई को गिरफ्तार किया गया था। मनप्रीत मन्ना और सरज संधू फिरोजपुर जेल में 22 दिसंबर 2021 से 23 अप्रैल 2022 तक बंद थे। बठिंडा जेल में ये लॉरेंस विश्नोई और गोल्डी बरार के संपर्क में थे।
लॉरेंस पर गोल्डी बरार के साथ हत्या का मास्टरमाइंड होने का आरोप है। पटियाला हाउस से ट्रांजिट रिपोर्ट मिलने के बाद लॉरेंस विश्नोई को 14 जून को दिल्ली लाया गया था। जबकि मनमोहन को मानसा जेल में भेज दिया गया था। वह मोबाइल फोन पर साजिशकर्ताओं के संपर्क में था और उसकी गिरफ्तारी होने के बाद पुलिस उस मानसा जेल ले गई। वहां से छुपाए गए दो मोबाइल फोन भी बरामद हुए थे। अभी तक पुलिस लगातार एक्शन में है, लेकिन मौत का असली मकसद अभी तक सामने नहीं आ रहा है।