भोपाल। राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने प्रधानमंत्री आवास योजना की जानकारी छुपाने पर दो प्रकरणो में सिंगरौली नगर निगम के पूर्व एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राकेश कुमार जैन के विरुद्ध  कुल 30हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया है। जैन को ये जानकारी नगर निगम के एक अधिकारी ने उपलब्ध कराने को कहा था।  सिंह ने ये स्पष्ट किया कि आरटीआई कानून के तहत जो भी अधिकारी जानकारी उपलब्ध कराने में अड़ंगा डालता है तो उसके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। 
सिंगरौली में पुष्पा शर्मा ने दो अलग अलग आरटीआई आवेदन  10/08/2021 और 6/09/2021 को दायर कर  प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की चयन सूची उनके भुगतान की जानकारी, अफॉर्डेबल हाउसिंग इन पार्टनरशिप और डी पी आर की कॉपी मांगी थी। आवेदन को सिंगरौली नगर निगम के लोक सूचना अधिकारी ने कार्रवाई के लिए तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर राकेश कुमार जैन को ट्रांसफर कर दिया था। आरटीआई कानून के तहत 30 दिन के अंदर जानकारी देनी थी। पर राकेश कुमार जैन ने देर से जानकारी दी वो भी आधी अधुरी और गलत। 
सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने कहा कि आरटीआई आवेदन लोक सूचना अधिकारी के पास दायर की जाती  है। और सूचना नहीं मिलने पर आरटीआई अधिनियम में लोक सूचना अधिकारी के विरुद्ध ही कार्रवाई का प्रावधान है। पर लोक सूचना अधिकारी किसी भी अधिकारी को आरटीआई आवेदन से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध कर सकता है। सिंह ने कहा कि  धारा 5 (5) के तहत जिस अधिकारी से जानकारी उपलब्ध कराने के लिए अनुरोध किया जाएगा वो जानकारी उपलब्ध कराने मैं सहयोग करने के लिए बाध्य है। लेकिन अगर ये अधिकारी  जानकारी उपलब्ध नहीं करवाते है तो उसी अधिकारी के विरुद्ध जुर्माने की कार्रवाई की जाएगी। 
जैन ने पुष्पा को जानकारी देने के लिए एक पत्र में एक  वेबसाइट का लिंक दिया और लिखा कि जानकारी वहा उपलब्ध है। सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने राज्य सूचना आयोग में सुनवाई के दौरान ही वेबसाइट के लिंक को अपने कंप्यूटर पर खोलकर देखा तो मालूम पड़ा कि वहां प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राही की जानकारी आधार कार्ड नंबर देने पर ही उपलब्ध हो पाएगी वही उस लिंक पर डीपीआर की कोई जानकारी नहीं थी। सिंह ने कहा कि जैन ने ना तो डीपीआर की जानकारी उपलब्ध कराई और ना ही हितग्राहियों की जो सूची मांगी थी वह उपलब्ध कराई और ना ही एएचपी और हितग्राहियों के भुगतान की सूची उपलब्ध कराई। इस पर जैन ने कहा कि वह कंप्यूटर चलाना नहीं जानते हैं इसीलिए गलत जानकारी प्रेषित हो गई। वही आरटीआई आवेदिका पुष्पा ने कहा कि योजना में बंदरबांट हुई है इसीलिए जैन ने जानबूझकर की जानकारी छुपाई है। 
सूचना आयुक्त सिंह ने जैन की दलील को खारिज करते हुए दोनों प्रकरणों में 15000 - 15000 कुल 30000रु. का जुर्माना जैन के ऊपर लगा दिया। 
राज्य सूचना ही तो राहुल सिंह ने यह स्पष्ट किया कि RTI  आवेदन आने के 30 दिन के भीतरी  प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों की जानकारी और चयन सूची को अधिकारियों को उपलब्ध कराना चाहिए। इस तरह की जानकारियों को जितना ज्यादा जनता के बीच पारदर्शी तरीके से रखा जाएगा उतनी इस व्यवस्था का लाभ उठाने वाले योग्य हितग्राहियों का भला होगा। साथ प्रधानमंत्री आवास योजना मैं होने वाली  भ्रष्टाचार और गड़बड़ी की शिकायत पर रोक भी लगेगी।