जमशेदपुर। देश भर के रेल कर्मचारियों को अब उनके बेसिक के आधार बोर्ड द्वारा सूचीबद्ध अस्पतालों में वार्ड मिलेंगे। रेलवे बोर्ड ने इस संबंध में आदेश जारी करते हुए उक्त व्यवस्था को सभी जोन में प्रभावी करने का आदेश दिया है। इसके लिए बोर्ड ने कर्मचारियों के वेतनमान को तीन श्रेणियों में विभाजित किया है।

अस्‍पतालों में मिलेगी एलीट क्‍लास की सुविधा

रेलवे में अब तक राजपत्रित कर्मचारियों को ही अस्पतालों में केबिन की सुविधा मिलती थी। लेकिन नेशनल फेडरेशन आफ इंडियन रेलवेमैन (एनएफआइआर) के महासचिव डा. एम रघुवईया ने रेलवे बोर्ड को इस संबंध में पत्र भेजा।

उनका तर्क है कि जब एक रेलकर्मी का वेतनमान अच्छा है तो उसे सूचीबद्ध अस्पतालों में भी आम मरीजों के बजाए एलीट क्लास की सुविधा मिलनी चाहिए।

फेडरेशन के इस सुझाव का रेलवे बोर्ड ने वित्त मंत्रालय से समीक्षा के बाद इसे देश भर में कार्यरत रेल कर्मचारियों के लिए क्रियान्वित कर दिया है।

रेलवे में लगभग 13 लाख कर्मचारी हैं जिनमें से लगभग 45 प्रतिशत सुपरवाइजर ग्रेड में कार्यरत कर्मचारियों का वेतनमान 50,500 रुपये से अधिक है। ऐसे में वे या उनके स्वजन अस्पताल में भर्ती होने पर वे भी केबिन पाने के हकदार होंगे।

तीन श्रेणियों में बांटा गया है वेतनमान

रेलवे बोर्ड द्वारा जारी पत्र में रेल कर्मचारियों के वेतनमान को तीन श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें 36,500 रुपये के मासिक वेतन वालों को जनरल वार्ड, 36,501 से 50,500 रुपये के वेतनमान पर सेमी प्राइवेट वार्ड और 50,500 से अधिक वेतनमान पर प्राइवेट वार्ड या केबिन की सुविधा मिलेगी। यह सुविधा कर्मचारियों के अलावा उनके आश्रित और सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी मिलेगी।

फेडरेशन ने डायरेक्टर को सौंपा पत्र

फेडरेशन के जोनल महासचिव शशि रंजन मिश्रा ने इस संबंध में दक्षिण पूर्व रेलवे के प्रिंसिपल चीफ मेडिकल डायरेक्टर को एक पत्र सौंपा है। फेडरेशन की मांग है कि उक्त सुविधा लाभ उन सभी कर्मचारियों को मिले जिनका वेतन 50,500 रुपये से अधिक है।

हमारी मांग है कि डायरेक्टर सभी डिवीजन को पत्र जारी करे और रेफरल के दौरान ही संबधित रेल कर्मचारी किस वार्ड में भर्ती होंगे, यह रेफरल लेटर में ही उल्लेखित कर दिया जाए ताकि उन्हें उक्त लाभ सुनिश्चित हो सके।