नई दिल्ली । कई बार दुश्मन सै‎निक इं‎डिया के जांबाजों की बातचीत सुनकर चौकन्ने हो जाते थे, ले‎किन अब ऐसा नहीं होगा। क्यों‎कि इंडियन नेवी के फाइटर एयरक्राफ्ट के लिए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो तैयार कर ‎लिया है, जो ऐसा होने से रोक देगा। हालां‎कि यह अभी ट्रायल स्टेज में है। एक साल में इसका ट्रायल पूरा हो जाएगा जिसके बाद नेवी के सभी एयरक्राफ्ट में इसे लगाया जाएगा। इससे एयरक्राफ्ट से नेवी के शिप या सबमरीन के बीच होने वाला कम्युनिकेशन ज्यादा सुरक्षित तो होगा ही साथ ही डेटा शेयर भी तेजी से होगा। कम्युनिकेशन का यह सिस्टम ज्यादा आसान होगा, ज्यादा तेज होगा और ज्यादा सुरक्षित भी। रक्षा मंत्रालय के तहत आने वाला संगठन वेपन एंड इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम्स इंजीनियरिंग स्टेब्लिशमेंट इस पर काम कर रहा है। नेवी की जरूरत पूरी करने के लिए वह सभी सिस्टम डिवेलप करता है जो इंडस्ट्री नहीं कर पाती या जो क्षमता अभी इंडस्ट्री में नहीं है। इस स्वायत्त संगठन को नेवी फंड करती है और इसमें नेवी अधिकारियों के साथ डीआरडीओ के साइंटिस्ट हैं।
जानकारी के अनुसार ‎फिलहाल तीनों सशस्त्र सेनाओं यानी आर्मी, नेवी, एयरफोर्स में नेवी ही कम्युनिकेशन के लिए स्वदेशी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो का इस्तेमाल कर रही है। ऑपरेशनल जरूरतों के लिए नेवी के सभी एसेस्ट्स को एक दूसरे से कम्युनिकेट करना होता है। यह बातचीत वॉइस कॉल, वॉइस मैसेज, डेटा किसी के भी जरिए हो सकती है। जैसे एयरक्राफ्ट को शिप से और सबमरीन से या शिप को शिप से, शिप को सबमरीन से कम्युनिकेट करना होता है। सेटेलाइट कम्युनिकेशन के अलावा रेडियो से भी कम्युनिकेशन होता है। डब्ल्यूईएसईई के डिवेलप किए हुए सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो (एसडीआर) को नेवी के शिप में लगाया जा रहा है और पुराने सिस्टम को रिप्लेस किया जा रहा है। जिन शिप में एसडीआर- एनसी लगना था वह सभी लग चुके हैं। कुछ शिप में एसडीआर- टेक लगना है जिन्हें लगाने का काम चल रहा है। 
हालां‎कि डब्ल्यूईएसईई सबमरीन के लिए भी एसडीआर-टेक के दूसरे वर्जन पर काम कर रहा है। नेवी के एयरक्राफ्ट के लिए एसडीआर-एएफ डिवेलप किया गया है। जिसका ट्रायल चल रहा है। जानकारी के अनुसार अभी फाइटर एयरक्राफ्ट में एसडीआर नहीं है। पुराना सिस्टम मूलतौर पर वॉइस कम्युनिकेशन के लिए है। जब सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो मिल जाएगा तब डेटा भी तेजी से भेजा जा सकेगा। अमेरिका से लिए जा रहे एमएच60आर रोमियो हेलिकॉप्टर में भी स्वदेशी सॉफ्टवेयर डिफाइंड रेडियो फिट किया जा रहा है। यह एडीआर-एफ का पुराना वर्जन है। इसे एयर बॉर्ड रेडियो कहते हैं। इसे अमेरिका को भेजा गया है और यह अमेरिका से रोमियो हेलिकॉप्टर में फिट होकर ही आएंगे। इंडियन नेवी के लिए अमेरिका से 24 रोमियो हेलिकॉप्टर लेने की डील की गई है।