अगस्त का महीना सूखा रहने के बाद सितंबर के 21 दिनों में हुई बारिश ने छत्‍तीसगढ़ में वर्षा की कमी पूरी कर दी है। एक जून से लेकर 21 सितंबर तक प्रदेश में 977 मिमी वर्षा हुई है, जो सामान्य से 11 फीसद कम है। बीते 21 दिनों में ही यानि एक सितंबर से लेकर 21 सितंबर तक प्रदेश में 241 मिमी बारिश हुई है।

प्रदेश में एक-दो स्थानों पर गरज-चमक के साथ भारी वर्षा और वज्रपात होने की संभावना है, जबकि अधिकांश स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा या छींटे पड़ने के आसार हैं। प्रदेश में दो दिनों के बाद वर्षा की गतिविधियों में कमी होने की संभावना है। इसके साथ ही अधिकतम तापमान में भी क्रमिक बढ़ोतरी होगी।

मौसम विभाग का कहना है कि अभी आने वाले कुछ दिन प्रदेश में मौसम का मिजाज ऐसा ही रहेगा। सितंबर में हुई बारिश के चलते ही किसानों के चेहरे खिलने लगे है, साथ ही जलाशयों का जलस्तर भी बढ़ा है। प्रदेश में अब 16 जिलों में सामान्य वर्षा, तीन जिलों में ज्यादा वर्षा और आठ जिलों में कम वर्षा हुई है। प्रदेश में ज्यादा बारिश वाले तीन जिलों में रायपुर, बीजापुर और मुंगेली जिला है।

मौसम विभाग का भी कहना है कि अब प्रदेश में पर्याप्त बारिश हो चुकी है,विशेषकर सितंबर माह की बारिश ने तो बारिश की कमी पूरी कर दी है। हालांकि अभी भी सरगुजा क्षेत्र में बारिश कम हुई है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि शनिवार से मौसम का मिजाज बदलेगा। प्रदेश में हल्की से मध्यम वर्षा होने के साथ ही तापमान में मामूली बढ़ोतरी शुरू होगी।

एक जून से लेकर 21 सितंबर तक रायपुर जिले में 1237.1 मिमी बारिश हो चुकी है,जबकि सामान्य रूप से इतने दिनों में यहां 1005.3 मिमी बारिश होनी थी। इस प्रकार रायपुर जिले में हुई बारिश सामान्य से 23 फीसद ज्यादा है। पिछले वर्ष की तुलना में भी रायपुर जिले में काफी ज्यादा बारिश हुई है।

एक जून से लेकर 21 सितंबर तक बीजापुर जिले में सर्वाधिक 1624.1 मिमी बारिश हुई है,जो सामान्य से 27 फीसद ज्यादा है। इसके साथ ही सरगुजा जिले में सबसे कम बारिश 488.1 मिमी बारिश हुई है,जो सामान्य से 59 फीसद कम है।

बारिश के चलते इन दिनों रायपुर के विभिन्न क्षेत्रों में मुख्य मार्गों के साथ ही गली-मुहल्लों में जलभराव हो गया है। विशेषकर कमल विहार क्षेत्र, पचपड़ी नाका, प्रोफेसर कालोनी, पुरानी बस्ती क्षेत्र सहित कई इलाकों में पानी भरा हुआ है। कुछ क्षेत्रों में तो सड़कों में बड़े बड़े गढ्डे होने के कारण उनमें पानी भरा हुआ है।