करौली ।    चैत्र नवरात्रि के शुभारंभ के साथ ही माता के भक्तों की 9 दिवसीय उपासना शुरू हो गई है। नवरात्रि के दौरान मां के उपासक विधि-विधान से माता की पूजा-अर्चना, शतचंडी पाठ, भैरव स्त्रोत पाठ, कन्या-लांगरा पूजन जैसे अनुष्ठानों का आयोजन करेंगे। कैलादेवी में करीब 17 दिन तक चलने वाले चैत्र नवरात्रि मेले में 40 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। आज नवरात्रि के प्रथम दिन माता के दरबार में आए श्रद्धालुओं ने धोक लगाकर खुशहाली की मनौती मांगी। कैला माता के दरबार में दर्शन करने के लिए सुबह 4 बजे से श्रद्धालुओं की कतारें लग गई थीं। कैला देवी मंदिर प्रबंधक विवेक द्विवेदी और संतोष सिंह ने बताया कि राजस्थान के अलावा उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश, दिल्ली आदि जगहों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु माता के दर्शन करने पहुंच रहे हैं।

राज परिवार के राज ऋषि प्रकाश जत्ती के निर्देशन में कैला माता मंदिर में मंत्रोच्चार के साथ पूजा-अर्चना कर घट स्थापना की गई। यहां नवरात्रि के दौरान 15 पंडित विशेष पूजन, पाठ और अनुष्ठान करते हैं। देश के प्रसिद्ध प्रमुख शक्तिपीठों में शामिल कैला देवी राजपरिवार की कुलदेवी हैं और माता के मंदिर की सेवा-सुश्रुषा और व्यवस्था राजपरिवार संभालता है। राज ऋषि ने बताया कि करीब 9 दिन तक कैला माता की पोशाक नहीं बदली जाती। ऐसी मान्यता है कि नवरात्रि के दौरान माता ने राक्षसों का वध किया था। इसके चलते 9 दिन तक माता को स्नान नहीं कराया जाता और पोशाक भी नहीं बदली जाती। नवरात्रि समापन पर विशेष अनुष्ठान के साथ माता को नई पोशाक धारण कराई जाती है। इस दौरान माता के मंदिर की भी धुलाई नहीं होती है।