नीमच से राजेश भंडारी

नीमच : 31 अगस्त :   ‘‘सामान्य तौर पर रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के बीच का पर्व मानकर मनाया जाता है किन्तु रक्षा सूत्र का सही अर्थ चैतन्य आत्मा की विकारों रूपी माया से रक्षा करने का कर्तव्य केवल एक परमात्मा का है । वही पतित पावन निराकार, स्वयं भू शिव वर्तमान समय विश्‍व परिवर्तन की वेला में सत्य गीता ज्ञान एवं राजयोग शिक्षण के माध्यम से आत्माओं की विषय विकारों से रक्षा करते हैं, इसी आध्यात्मिक स्वरूप का यादगार रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है’’  उपरोक्त विचार ब्रह्माकुमारी संस्थान की सबझोन संचालिका राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी सविता दीदी ने पावन धाम स्थित सद्‌भावना सभागार में विशाल सभा को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। 

    रक्षा बंधन का यह अलौकिक पर्व 31 अगस्त को नीमच जिले के सभी ब्रह्माकुमारी राजयोग साधना केन्द्रों पर ज्ञान योग मय वातावरण में मनाया गया । इस कार्यक्रम के अन्तर्गत ईश्‍वरीय रक्षासूत्र धारण करने वाले सभी ब्रह्मावत्सों व अन्य नागरिकों से अपनी किसी भी बुराई का त्याग कर अथवा किसी विशेष सद्‌गुण की धारणा का संकल्प दिलवाकर विशेष रूप से तैयार किया गया ईश्‍वरीय शक्ति सम्पन्‍न रक्षा सूत्र ब्रह्माकुमारी बहनों द्वारा बांधा गया । इस विशेष अवसर पर राजयोग मेडिटेशन के नियमित साधक पति-पत्नि युगलों के बड़े समूह को सर्वप्रथम रक्षासूत्र पहनाया गया । इसके साथ ही 500 से अधिक अन्य ब्रह्मावत्सों व आगन्तुक नगर के अन्य नागरिकों को भी आत्म स्मृति का तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधा गया । प्रात: कालीन सत्र में सम्पन्‍न रक्षाबंधन कार्यक्रम में विधायक दिलीप परिहार, संतोष चौपड़ा, सुरेन्द्र सेठी आदि सहित अनेक अन्य गणमान्य नागरिकों को भी राजयोग तपस्विनी ब्रह्माकुमारी बहनों ने ईश्‍वरीय शक्ति सम्पन्‍न रक्षा सूत्र बांधकर आशीर्वाद प्रदान किया । इस अवसर पर सभी को दिव्य प्रसाद भी प्रदान किया गया ।