बसपा सुप्रीमों का अगले दो-तीन महीने दिल्‍ली में होगा ठिकाना, पार्टी नेताओं से ‎मिलेंगी


लखनऊ । लोकसभा चुनावों की रणनीति बनाने के लिए बसपा ने अपनी तैयारी शुरु कर दी है। इसके ‎‎लिए पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती अगले एक-दो महीने तक दिल्ली में रहेंगी। राष्ट्रीय राजधानी में अपने प्रवास के दौरान, वह विभिन्न राज्यों के पार्टी नेताओं से मुलाकात करेंगी, संसदीय चुनावों के लिए पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिए जमीनी स्तर पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगी। मायावती अपने प्रवास के दौरान दोनों राज्यों के पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद वह राजस्थान और मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों पर भी ध्यान केंद्रित करेंगी। जानकारी के अनुसार राज्य में पार्टी के अभियान की औपचारिक शुरुआत करने के लिए वह जल्द ही हरियाणा में एक रैली कर सकती हैं। जब वह बसपा की पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ इकाइयों के पार्टी नेताओं से मिलीं, तो उन्होंने हरियाणा में अपने लोगों से विधानसभा चुनावों के लिए तैयार रहने को कहा। मायावती का कहना था कि, भाजपा गठबंधन सरकार में आपसी मतभेद के चलते पैदा हुई राजनीतिक अस्थिरता को देखते हुए समय से पहले ये चुनाव हो सकते हैं। वहीं हरियाणा में पार्टी की संभावनाओं को आगे बढ़ाने और युवा नेताओं को प्रोत्साहित राजबीर सोरखी को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। 
लोकसभा चुनाव के लिए पंजाब में बसपा का शिरोमणि अकाली दल के साथ गठबंधन है। मायावती ने इस तथ्य पर जोर दिया कि पंजाब वह राज्य है जहां से बसपा संस्थापक कांशीराम रहे थे। इसके बाद वह राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और तेलंगाना के पार्टी नेताओं से मिल सकती हैं, जहां विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां बसपा ने चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इन राज्यों में 2018 में हुए विधानसभा चुनावों में बीएसपी ने राजस्थान में चार और एमपी और छत्तीसगढ़ में दो-दो सीटें जीती थीं। हालांकि, पार्टी ने तेलंगाना में कोई सीट नहीं जीती, लेकिन 3 प्र‎‎तिशत से अधिक वोट हासिल किए। पार्टी इस बार चारों राज्यों में अपना प्रदर्शन बेहतर करना चाहती है और इसके लिए मायावती स्थानीय नेताओं के साथ रणनीति बनाएंगी। पार्टी के राष्ट्रीय समन्वयक आकाश आनंद और राज्यसभा सांसद रामजी गौतम, जो चार राज्यों के केंद्रीय समन्वयक को चार राज्यों में पार्टी के लिए जमीन तैयार करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है।