माझी लड़की बहिन योजना ने लिखी महायुति की जीत की पठकथा
मुंबई । महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को मिले भारी बहुमत की चर्चा चारों ओर हो रही है। लोग चर्चा कर रहे हैं कि आखिर महायुति को इतनी बड़ी जीत कैसे मिली। निश्चित रूप से महायुति गठबंधन ने महा विकास अघाड़ी की राजनीतिक जमीन को बहुत हद तक खत्म कर दिया है। लोकसभा चुनाव के नतीजे के बाद जिस तरह एमवीए ने राज्य में सरकार बनाने के दावे किए थे, वह दावे चुनाव नतीजे आने के बाद ध्वस्त हो गए। महायुति की जीत में बीजेपी की बड़ी भूमिका है। महाराष्ट्र में विधानसभा की 288 सीटें हैं और सरकार बनाने के लिए 145 विधायक चाहिए। महायुति 220 से ज्यादा सीटों पर जीत दर्ज करने जा रही है। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि आखिर वह कौन सी बड़ी घोषणायें रही जिन्होंने महाराष्ट्र चुनाव में महायुति को प्रचंड जीत दिलाई। इसके पीछे महायुति में शामिल दलों का बेहतर तालमेल के साथ चुनाव लड़ना, उम्मीदवारों का बेहतर चयन करना और एमवीए की ओर से किए गए हमलों का जोरदार जवाब देना भी शामिल है, लेकिन महायुति की जीत का सबसे बड़ा क्रेडिट माझी लड़की बहिन योजना को दिया जा रहा है। चुनाव नतीजों के बाद खुद उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने इस बात को स्वीकार किया है कि यह योजना चुनाव में उनके लिए निर्णायक साबित हुई है। यह जानना जरूरी है कि माझी लड़की बहिन योजना क्या है और महाराष्ट्र की राजनीति में महिला मतदाताओं की क्या भूमिका है। महाराष्ट्र में एक बड़ा वोट बैंक महिलाओं का भी है और महायुति और एमवीए दोनों ने ही महिलाओं के वोट हासिल करने की पूरी कोशिश की थी। महायुति ने जहां लड़की बहिन योजना के तहत दी जाने वाली राशि को सत्ता में फिर से लौटने पर बढ़ाने का वादा किया था, वहीं एमवीए ने सरकार बनने पर महायुति से भी ज्यादा राशि देने का वादा किया था।
चुनाव से पहले माझी लड़की बहिन योजना की घोषणा
महाराष्ट्र में कुल 9.53 करोड़ मतदाता हैं। इनमें से 4.9 करोड़ पुरुष जबकि 4.6 करोड़ महिला वोटर हैं। महायुति की सरकार ने विधानसभा चुनाव से ठीक पहले माझी लड़की बहिन योजना को लागू किया था। शिंदे सरकार का कहना है कि इस योजना की वजह से महाराष्ट्र में कम से कम 2.26 करोड़ महिलाओं को फायदा मिला है। इस योजना के तहत 21 से 65 साल की महिलाओं को सरकार की ओर से 1500 रुपए दिए जाते हैं। इसमें शर्त यह है कि ऐसे परिवारों की सालाना आय ढाई लाख रुपए से कम हो। इस योजना के तहत महिलाओं को उनके बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किए जाते हैं।