अपनी स्वराशि में सूर्य के आने से और मीन राशि में देवगुरु बृहस्पति के होने से षडाष्टक योग का निर्माण हुआ है। दरअसल, गुरु के स्थान से सूर्य छठवें स्थान पर विराजमान हैं। सूर्य और गुरु के इस योग का प्रभाव सभी राशियों पर शुभ-अशुभ रूप से पड़ रहा है। किंतु इसका प्रभाव 4 राशियों पर नकारात्मक पड़ सकता है। ये चार राशियां इस प्रकार हैं -

मेष राशि: राशिचक्र की पहली राशि मेष राशि के जातकों को इस योग के कारण कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। इस योग के कारण आपको व्यापार में हानि का सामना करना पड़ सकता है। भाग्य भी कमजोर रहेगा। इस अवधि में इस राशि की गर्भवती महिलाओं को सावधान रहने की सलाह दी जाती है। शेयर बाजार सावधानी से निवेश करें।

सिंह राशि: इस राशि के जातकों को इस योग के कारण दिक्कतें आ सकती हैं। गुरु आपकी राशि से अष्टम भाव में है। वहीं शनि की तीसरी दृष्टि है जिसके कारण आपको पेट से संबंधित रोगों का सामना करना पड़ सकता है। गैस, कब्ज से संबंधित कोई परेशानी हो सकती है। सेहत को लेकर सावधानी रखनी चाहिए। इस अवधि में छात्रों और व्यापारियों को सावधान रहना चाहिए।

कन्या राशि: यह योग आपके मार्ग में व्यवधान पैदा कर सकता है। कार्यक्षेत्र में आप चुनौतियों का सामना कर सकते हैं। वैवाहिक जीवन में भी जीवनसाथी से किसी बात को लेकर कहासुनी संभव है। राजनीतिक जीवन से जुड़े जातकों को इस समय अपनी छवि पर विशेष ध्यान देना होगा।

मकर राशि: मकर राशि के जातकों को इस समय सोच-समझकर ध्यान से फैसले लेने होंगे। सेहत को लेकर भी किसी तरह की लापरवाही न बरतें। आपको व्यापार के लेन- देन में भी सावधानी बरतनी चाहिए। उम्मीद के मुताबिक मुनाफा कम होगा। किसी अपने से धोखा खा सकते हैं।