ग्वालियर। आबकारी की नई नीति ने शराब की बिक्री घटा दी है। इस बार अहातों के बंद होने का असर यह हुआ कि पिछले साल की तुलना में शराब की खपत 25 प्रतिशत तक गिर गई है। देसी और विदेशी दोनों में यही हाल है। यहां तक कि ठेकेदारों की ओर से ठेके के समय जो राशि आबकारी को जमा कराई जाती है, वह तक कुछ ठेकेदार जमा नहीं कर सके हैं। यह माना जा रहा था कि अहाते बंद होने के बाद बीयर बार के लाइसेंस की डिमांड बढ़ जाएगी, लेकिन ऐसा भी नहीं हुआ। एक और मौसम ने आबकारी की परेशानी बढ़ा दी है, क्योंकि इस बार बारिश बेमौसम हुई तो गर्मी में अपडाउन से बीयर की खपत भी सुस्त रही। अनाधिकारिक तौर पर अधिकारियों का कहना है कि इस साल राजस्व पर अहाते बंद होने का बड़ा असर पड़ेगा।

प्रदेश सरकार ने इस बार जो आबकारी नीति लागू की है, उसमें अहाते बंद कर दिए हैं। अब दुकान से ही शराब खरीदने की व्यवस्था है। शराब दुकान के आसपास अब बैठकर पीने पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यही कारण है कि जो लोग अहातों में बैठकर शराब का सेवन करते थे, वह बिक्री घट गई है। इसका असर सेल पर पड़ा है। गर्मियों के सीजन में बीयर की खपत काफी पीक पर रहती है, उसमें भी बड़ी कमी आई है। पिछले सालों में यह भी स्थिति बनी थी कि बीयर की आपूर्ति दुकानदारों को नहीं हो पा रही थी, क्योंकि डिमांड काफी बढ़ गई थी।

अवैध शराब के ठिकाने बढ़ रहे अहाते बंद होने का एक असर यह है कि शहर की घनी आबादी से दूर जो रेस्टोरेंट, रिसोर्ट हैं, वहां शराब का सेवन बढ़ गया है। अवैध ढंग से ग्राहकों को शराब परोसी जाती है, जो हाल में आबकारी की जांच में भी आया था। मोहना में आबकारी ने अवैध शराब की दुकान को पकड़ा, जहां से एक लाख रुपये की शराब बरामद की गई थी। अवैध शराब पिलाने के पीछे पुलिस व आबकारी के निचले स्तर के अमले की साठगांठ भी सामने आती है।

शराब की खपत में पिछले साल से काफी गिरावट आई है। 25 प्रतिशत तक खपत कम हुई है। इस बार अहातों को बंद किया गया है। इसके कारण यह प्रभाव दिख रहा है।