भोपाल। प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा विधानसभा चुनाव को पूरी तरह से सक्रिय हो चुकी है। अप्रत्यक्ष रूप से चुनाव की कमान केंद्रीय नेतृत्व ने संभाल ली है। चुनाव को लेकर टिकट वितरण के मापदंड भी तय किए गए हैं। जिसमें पार्टी के मौजूदा विधायकों में से बड्ी संख्या में टिकट काटे जा सकते हैं। पार्टी ने इस बार चुनाव जीतने के लिए हर जिला को ‘मिशन’ बनाया है। जिले की सभी सीटें जीतने के लिए कद्दावर नेता, संासद को भी विधानसभा चुनाव में उतारा जा सकता है। जबकि कद्दावर विधायकों की सीटों में बदलाव हो सकता है।
पार्टी सूत्रों के अनुसार ‘मिशन जिला’ का फार्मूला इस तरह है।  भोपाल जिले में 7 विधानसभा सीट हैं। इनमें से गोविंदपुरा, हुजुृर, नरेला और बैरसिया भाजपा के पास है। जबकि दक्षिण-पश्चिम, उत्तर और मध्य सीट कांगे्रस के पास है। ऐसे में मिशन जिला के तहत भोपाल के कद्दावर विधायकों को दूसरी सीट से उतारा जा सकता है। जबकि सुरक्षित सीटों से नए चेहरे उजारे जा सकते हैं। पार्टी में ‘मिशन जिला’ पर तेजी से मंथन चल रहा है।  
विधानसभा रिकॉर्ड के अनुसार भाजपा के 127 विधायक हैं। इनमें से 20 विधायक वे हैं, जो कांग्रेस छोडक़र आए थे और उपचुनाव में जीते। यानी भाजपा मूल के 107 विधायक हैं। पार्टी के उच्च पदाधिकारी के अनुसाल पार्टी कार्यकर्ता और लोगों में नाराजगी विधायक के खिलाफ है। सरकार और संगठन से कोई नाराजगी नहीं है। ऐसे में खराब छवि वाले चेहरे बदले जाएंगे। इनमें कुछ मंत्री भी हो सकते हैं। टिकट बड़ी संख्या में काटे जा सकते हैं, लेकिन अभी संख्या तय नहीं है।