भोपाल । प्रदेश सरकार के लाखों कर्मचारियों और उनके परिजनों को प्रदेश के दो दर्जन निजी अस्पतालों में कैशलेस उपचार मिल सकेगा। स्वास्थ्य विभाग ने ऐसे अस्पतालों के साथ अनुबंध किया है, जिनके पास नेशनल एक्रेडिटेशन बोर्ड फार हास्पिटल्स (एनएबीएच) का प्रमाण-पत्र है। राज्य सरकार के कर्मचारियों और स्वजन को मिलाकर 12 लाख नागरिकों को इसका लाभ मिलेगा। इस अनुबंध में गंभीर रोगों के उपचार की विशेषज्ञता वाले बड़े अस्पतालों को शामिल किया गया है। इससे कर्मचारियों एवं उनके स्वजन को अच्छी गुणवत्ता के साथ कैशलेस उपचार मिलना सुनिश्चित हो सकेगा, लेकिन कर्मचारियों को निजी वार्ड में उपचार के लिए भर्ती होना इलाज के पैकेज में शामिल नहीं माना जाएगा। वार्ड का खर्च कर्मचारी को उठाना होगा। अगस्त 2022 से कर्मचारियों के उपचार की नई नीति लागू होने के बाद कैशलेस उपचार की सुविधा दी गई है। इसके लिए निजी अस्पतालों से अनुबंध के बारे में शर्तें तय करने के लिए समिति बनाई गई थी। समिति के सुझावों के आधार पर स्वास्थ्य आयुक्त डा. सुदाम खाड़े ने अनुबंध करते हुए उपचार के लिए दिशा-निर्देश जारी किए हैं। बीमा के तहत कर्मचारियों के लिए कैशलेस उपचार की सुविधा शुरू की गई है। कैंसर सर्जरी के लिए भी उन्हीं अस्पतालों से अनुबंध किया गया है, जहां कीमोथेरेपी और रेडियोथेरेपी की सुविधा उपलब्ध हो। प्रदेश के जिन अस्पतालों से अनुबंध किया गया है उनमें बंसल अस्पताल शाहपुरा भोपाल, मिरेकल्स हास्पिटल भोपाल, गट जीआइ एंड लिवर अस्पताल भोपाल, एलएन मेडिकल कालेज एवं जेके अस्पताल भोपाल, हजेला अस्पताल भोपाल, सिल्वर लाइन अस्पताल एंड रिसर्च सेंटर भोपाल, गुर्जर श्री हास्पिटल सनावद खरगोन, एवीआइ केयर एंड लेसिक लेजर सेंटर भोपाल, गायत्री मल्टीस्पेश्लिटी हास्पिटल भोपाल, विवांता क्रिटिकल केयर छिंदवाड़ा, विजन केयर एंड रिसर्च सेंटर भोपाल, चिरायु हेल्थ एंड मेडिकेयर प्रालि भोपाल, जवाहरलाल नेहरू कैंसर हास्पिटल एंड रिसर्च सेंटर भोपाल, नवोदय कैंसर हास्पिटल भोपाल, सेवा सदन अस्पताल बैरागढ़, आरए स्टोन एंड सर्जिकल केयर हास्पिटल भोपाल, जानकी हास्पिटल भोपाल, स्मार्ट सिटी हास्पिटल भोपाल, राम टेक अस्पताल गुना, गेस्ट्रो केयर लीवर एंड डायग्नोस्टिक डिजीज सेंटर भोपाल, रोशन हास्पिटल भोपाल, रेनबो चिल्ड्रन हास्पिटल भोपाल, सिद्धांता भोपाल और अरविंदो इंस्टीट्यूट आफ मेडिकल साइंस इंदौर शामिल हैं।