नई दिल्ली । बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना चार दिनों के भारत दौरे पर हैं। हसीना ने मंगलवार को रोहिंग्या समस्या से निपटने में भारत से मदद की उम्मीद जाहिर की है। रोहिंग्या समस्या के सवाल पर शेख हसीना ने कहा, भारत एक बड़ा देश है। यह बहुत कुछ कर सकता है। शेख हसीना के बयान के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने भी जवाब दिया है। विदेश मंत्रालय के सचिव विनय क्वात्रा ने कहा, ‘रोहिंग्या के मसले पर बांग्लादेश की भूमिका की सराहना दुनिया भर में हुई है। हमने भी रोहिंग्या समुदायों की सहायता की है। इसमें आर्थिक सहायता भी शामिल है। आने वाले दिनों में जैसी जरूरत होगी, भारत सरकार मदद करेगी। भारत सरकार हर कोशिश का समर्थन करती है, ताकि म्यांमार में रोहिंग्या समुदायों की वापसी हो सके। इस मसले पर भारत का दृष्टिकोण सकारात्मक है।
पिछले साल संसद में दी गई जानकारी के मुताबिक, भारत के करीब 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में रोहिंग्या मुसलमान रह रहे हैं। इसमें जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, तेलंगाना, कर्नाटक और केरल शामिल हैं। हालांकि, बीजेपी और हिंदूवादी समूह भारत में रोहिंग्या लोगों की मौजूदगी का विरोध करते रहे हैं। नागरिक संशोधन बिल 2019 की चर्चा के दौरान ही केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कह दिया था कि भारत रोहिंग्याओं को कभी स्वीकार नहीं करेगा। सरकार रोहिंग्या मुसलमानों को देश की सुरक्षा के लिए खतरा बताती आई है। भारत के गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने रिपोर्ट के हवाले से कहा था कि रोहिंग्या मुसलमान देश में अवैध गतिविधियों में शामिल हैं। इसके बाद भारत के लिए सबसे पहले मुश्किल यही है कि जब वह खुद रोहिंग्या समस्या से जूझ रहा है कि तब इस मामले में निपटने के लिए बांग्लादेश की मदद कैसे करेगा?