नीमच से राजेश भंडारी

नीमच ।   विगत दिनों कर्नाटक में दिगंबर जैन संत की हत्या कांड की घटना के विरोध में सकल जैन समाज जनों ने नगर में रैली निकालकर अपना आक्रोश व्यक्त किया और भारत सरकार के राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री कर्नाटक के राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं समस्त राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर के प्रतिनिधि तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा। अंतरराष्ट्रीय जैन समाज के अध्यक्ष राजेश जैन जबलपुर के मार्ग दिशा निर्देशन में मौन रैली फोर जीरो विद्युत केंद्र से प्रारंभ होकर पुस्तक बाजार, नया बाजार, बारादरी चौराहा, फवारा चौक, कमल चौक होते हुए नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई पुन:  फोर जीरो विद्युत केंद्र पर पहुंचकर विसर्जित  हुई। रैली में सकल जैन समाज संत घटना के विरोध में अंकित स्लोगन लिखे हुए तक के हाथों में लेकर चल रहे थे। रैली में सकल जैन समाज के वरिष्ठ समाजसेवी मनोहर सिंह लोढ़ा प्रेम प्रकाश जैन सौभागमल डोसी, गठबंधन पार्श्वनाथ मंदिर शवेतांबर जैन समाज के सचिव मनीष कोठारी, जम्बु कुमार  जैन दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष विजय विनायका का सचिव मुकेश विनायका , स्थानकवासी समाज के महेंद्र बम ,तेरापंथी समाज के सुभाष बाफना ,प्रोफेसर विजय जैन, रघुराज सिंह चोरड़िया ,शौकीन मुनेत आदि पदाधिकारी सभी जैन समाज के अध्यक्ष सचिव एवं सदस्य एवं पदाधिकारी भाजपा जिला अध्यक्ष पवन पाटीदार विधायक दिलीप सिंह परिहार , कांग्रेस जिला अध्यक्ष अनिल चौरसिया,पूर्व कृषि उपज मंडी अध्यक्ष उमराव सिंह गुर्जर, तरुण बाहेती, हरीश दुआ,आदि गणमान्य लोग उपस्थित थे।हस्ताक्षर युक्त ज्ञापन में समाज जनों ने बताया कि कर्नाटक राज्य में जैन सन्त आचार्य कामकुमार नन्दी मुनिराज की नृशंस हत्या के विरोध में " भारत बंद" का आयोजन एवम जैन तीर्थ क्षेत्रों पर हो रहे अवैध अतिक्रमणों को हटाने सहित विभिन्न मांगो को पूरी करने का उल्लेख किया गया।विगत 5 जुलाई को कर्नाटक राज्य के बेलगाम अंतर्गत चिककोडी तालुका के नन्दी पर्वत आश्रम में साधनारत "जैन सन्त आचार्य कामकुमार नन्दी जी मुनिराज का अपहरण कर उनकी नृशंस हत्या करके उनके शव के टुकड़े टुकड़े करके बोरवेल एवम अन्य स्थानों में फेंक दिया गया था जिसका भारत की सम्पूर्ण जैन एवम अहिंसक सर्वसमाज घोर भर्त्सना करती है ।एवम इस घटना के विरोध में अपना निंदा प्रस्ताव पारित करती हैएवम शासन प्रशासन से निम्र मांग करते है कि इस प्रकरण को फास्ट ट्रैक में ले जाकर हत्यारों को कड़ी से कड़ी सजा शीघ्र दी जाए। पूरे घटनाक्रम की उच्चस्तरीय जांच कर सम्मिलित अन्य अपराधियों का भी पता लगाया जाए इस पर अभी तक प्रचलित कार्यवाहियों पर केंद्रीय गृह मंत्री तत्काल अपने बयान जारी करे।

भारतीय संविधान में अल्पसंख्यकों को दिए गए संवैधानिक अधिकारों के तहत राष्ट्रीय एवम राज्य जैन आयोगों का गठन हो जिसे जैन हित से जुड़े मुद्दों पर सुनवाई के पूर्ण न्यायिक अधिकार हो । राष्ट्रीय एवम राज्य स्तरीय जैन संस्कृति एवम सम्वर्धन बोर्ड" के तत्काल गठन की घोषणा हो जिसके सदस्य सम्पूर्ण देश की जैन समाज की मान्य संस्थायों एवम संगठनों से चर्चा एवम समन्वय स्थापित करके सक्रीय ऊर्जावान सदस्य नियुक्त किये जायें तथा बोर्ड को समय समय पर उदभूत समस्यायों एवम मांगो को शासन से पूरी कराने का पूर्ण अधिकार हो । सम्पूर्ण भारत वर्ष के साधु संतों के पदविहार करते समय एवम साधनारत स्थान पर सुरक्षा हेतु विशेष कानूनी प्रावधान किए जाए जिसके तहत पद बिहारी समस्त साधु संतों के पद विहार के दौरान वाहन चालकों द्वारा बरती जाने वाली विशेष सावधानियों का प्रावधान ड्राइविंग लाइसेंस जारी करते समय की रातों में ही शामिल किया जाए एवम विभिन्न सूचनाएं एवम संकेतक सड़कों के किनारे लगाए जाए और पालन न करने पर लायसेंस रद्द किया जाए ताकि वर्तमान में साधु संतों के साथ हो रही वाहन दुर्घटनाओं पर अंकुश लग सके भारतीय संविधान में साधु संतों के लिए अलग से कानूनी प्रावधान किए जाए क्योंकि साधु सन्त सामान्य नागरिकों से भिन्न होते है एवम उनको चर्या सामान्य नागरिकों से बिल्कुल अलग एवम श्रेष्ठ तथा प्राकृतिक"होती है जो कि जैन आगमानुसार पालन करनी होती है जिस पर सामान्य नागरिकों पर लागू होने वाले कानून नहीं लगाये जा सकते है उसके लिए अलग से कानूनी प्रावधान किए जाने चाहिए ताकि भविष्य में सामान्य नागरिकों के लिए पारित कानून उनकी किसी चर्या पर विपरीत प्रभाव न डाल सके,सम्पूर्ण भारतवर्ष के विभिन्न तीर्थ क्षेत्रो एवम् मंदिरों पर अवैध रूप से कब्जा किये गए है उन्हें तत्काल हटवाया जाए जैसे "गिरनार जी पतंत पर पांचवी एवं अन्य टोंक पर भगवान नेमिनाथ के चरणों को कब्जाकर जैन धर्म के श्रद्धालयों को सही से दर्शन भी नहीं करने दिए जाते ऐसी गतिविधियों पर रोक लगे और वहां जैन तीर्थ पात्रियों एवम पुजारियों को नियमित वहां रुककर पूजन एवम दर्शन करने का अधिकार पूर्ववत मिले। "पालीताना, गोम्मट गिरी तीर्थ इदौर इत्यादि अन्य तीर्थों पर अतिक्रमण पर रोक लगाकर तत्काल हटाए ।हजारा जैन तीर्थ क्षेत्र एवम मंदिरों की पवित्रता एवम ऐतिहासिकता पर शासन प्रशासन द्वारा कोई हस्तक्षेप न किया जाए जैन धर्म के  वास्तविक इतिहास  को जो कि भारत देश के नाम पड़ने से लेकर अभी तक है उसे जनसामान्य एवम विभिन्न पाठ्यक्रम में शामिल किया जाए तथा इतिहास की पुस्तकों में जो जैन धर्म से सम्बंधित विसंगतिया है उन्हें जैन आगम अनुसार ही दूर किया जाए। "भारत बंद के दौरान सम्पूर्ण बंद रखकर यह विरोध प्रकट करते हुए अपनी उपर्युक्त मांगों का ज्ञापन मांगों की पूर्ति न किये जाने पर पुनः आंदोलन करने  मजबूर होंगे।।