बाड़मेर | मामला जिले के चौहटन का है भाई-बहन की आटे-साटे में 10 साल पहले शादी हुई थी शादी के एक साल बाद बहन ने ससुराल में सुसाइड कर लिया था। इसके बाद भाई व मां बाप ने ससुराल पक्ष पर हत्या का आरोप लगाकर मामला दर्ज करवाया। इसके बाद गर्भवती पत्नी वापस पीहर चली गई। वहां पुत्र को जन्म दिया। इसके बाद पीहर पक्ष के साथ अपने पति और ससुराल पक्ष के विरुद्ध दहेज का मुकदमा दर्ज करवाया।

मामला न्यायालय में पहुंचा तो पत्नी ने बेटे व खुद के भरण पोषण का दावा कर दिया इसके बाद काफी समय तक भरण पोषण देने के बाद पति ने तलाक प्रार्थना पेश किया। साल 2022 में कोर्ट में डिक्री पारित हो गई, लेकिन आज लोक अदालत में सामाजिक स्तर के बाद मजिस्ट्रेट और वकीलों के समझाने पर पति-पत्नी मान गए। दोनों ने एक-दूसरे को माला पहनाकर 9 साल बाद एक-दूसरे का हाथ थाम कर नई जिंदगी की शुरुआत की।

दरअसल, चौहटन बांकलसर बस्ती निवासी जसराज (30) पुत्र कानाराम की शादी साल 2013 में हुआ उर्फ हऊवा (27) पुत्री माणकाराम के साथ आटे-साटे में हुई थी। इसके एक साल बाद जसराज की बहन ने सुसाइड कर लिया है। इसके बाद दोनों परिवारों के बीच अनबन व मुकदबाजी हो गई। इससे जसराज व हऊवा का भी रिश्ता टूट गया। उस समय हऊवा प्रेग्नेंट थी।

सामाजिक व न्यायिक स्तर पर समझाने के बाद दोनों परिवार माने। साल 2014 में गोद भरवाई के बाद हऊवा को पीहर भेजा। इसके बाद पीहर से वापस नहीं आई। दहेज का मामला दर्ज करवा दिया था, लेकिन मामले में एफआर लग गई। इसके बाद से भरण-पोषण का मामला दर्ज करवाया।पति जसराज भरण-पोषण की राशि दे रहा था 9 साल से घर नहीं आने पर पति जसराज ने तलाक के लिए कोर्ट में प्रार्थना पेश कर दिया।सामाजिक स्तर पर पंचायती के बाद आज 9 साल  दोनों ने सभी विवाद भुलाकर एक दूसरे के साथ रहने का फैसला कर लिया।