कोडरमा। कोर्ट ने हिंदू नाबालिग का अपहरण कर, धर्म परिवर्तन कर जबरन निकाह और दुष्कर्म करने के मामले में दोषी को 14 साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
अपर जिला एवं सत्र न्यायालय ने मंगलवार को दोषी रिंकू अंसारी पर 25 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। जुर्माना की राशि नहीं देने पर एक वर्ष अतिरिक्त सश्रम कारावास की सजा भुगतनी होगी।

बहकाने के मामले में पांच साल सश्रम कारावास

अदालत ने नाबालिग को बहकाने के मामले में भी दोषी पाते हुए पांच साल की सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही 20 हजार रुपये जुर्माना भी लगाया है।
जुर्माना की राशि नहीं दिए जाने पर छह महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।

2013 की है वारदात

वारदात 2013 की है। नाबालिग के पिता ने सतगावां थाने में आवेदन दिया था कि पड़ोस की दुकान में काम करने वाला रिंकू अंसारी उसकी नाबालिग बच्ची को शादी की नीयत से भगाकर ले गया है। इस मामले में नाबालिग को मारुति कार में अगवा करने के मामले में कार चालक को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है।

दबिश देने के बाद किया आत्मसमर्पण

मुख्य आरोपी रिंकू फरार चल रहा था। पुलिस की दबिश एवं कुर्की जब्ती के नोटिस चिपकाने के बाद उसने नाबालिग के साथ आत्मसर्मपण किया था। कोर्ट में दिए बयान में नाबालिग ने बताया कि उसके पिता घर नहीं लौटे तो वह उन्हें देखने के लिए निकली थी।

बनवाया नकली आधार कार्ड, रखा मुस्लिम नाम

इसी दौरान रिंकू ने उसे जबरन कार में बैठा लिया और धनबाद लेकर चला गया। उसके बाद वहां से झालदा, फिर दिल्ली ले गया। उसने गलत एफिडेविट के माध्यम से उसे बालिग दिखाते हुए डुप्लीकेट आधार कार्ड बनाया और उसका मुस्लिम नाम रखा।

हर रोज करता था दुष्कर्म

इसके बाद उसने नाबालिग से जबरन निकाह किया। लगभग 10 महीने तक उसे दिल्ली में रखा और प्रतिदिन उसके साथ दुष्कर्म करता रहा। वह बाहर जाता था तो कमरे में बाहर से ताला बंद कर देता था। किसी को कुछ भी बताने पर उसने माता-पिता को जान से मारने की धमकी दी थी।

दलीलें सुनने के बाद सुनाई सजा

अभियोजन पक्ष की ओर से लोक अभियोजक पीपी मंडल ने दोषी को अधिकतम सजा देने का आग्रह किया। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता कुमार रोशन ने भी दलीलें पेश की। अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने एवं अभिलेख पर उपस्थित साक्ष्यों का अवलोकन करने के बाद उसे दोषी पाते हुए सजा सुनाई।