कोलकाता। पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने सीएम ममता बनर्जी को सलाह दी कि वह इस पर कोई भी टिप्पणी करने से पहले नागरिकता (संशोधन) अधिनियम (सीएए) के ब्‍योरे का अध्ययन कर लें और समझ भी लें। मुख्यमंत्री द्वारा सीएए की कानूनी पवित्रता पर सवाल उठाने पर प्रतिक्रिया देते हुए राज्यपाल ने कहा कि इस अधिनियम में एक महत्वपूर्ण कानूनी पहलू है, जिसका उद्देश्य देश को विभाजित करना नहीं, बल्कि भारत को एकजुट करना है।
राज्यपाल ने कहा, मैं अपनी संवैधानिक सहयोगी, मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे पहले अधिनियम के विवरण का अध्ययन करें और समझें, उसके बाद ही इस पर टिप्पणी करें।
उन्होंने कहा कि सीएए दिसंबर 2019 में संसद के पटल पर पारित किया गया था और सोमवार को इसे कानूनी प्रावधानों के अनुसार लागू करने के लिए एक अधिसूचना जारी की गई थी। राज्यपाल ने कहा, यह कानूनी वास्तविकताओं के साथ-साथ सुशासन को भी दर्शाता है। मंगलवार को उत्तर 24 परगना जिले में एक जनसभा को संबोधित करते हुए सीएम ममता ने सीएए पोर्टल पर नामांकन के खिलाफ चेतावनी जारी करते हुए कहा कि आवेदक अंततः अपना सब कुछ खो सकते हैं।मुख्यमंत्री ने चेतावनी दी, जब पोर्टल पर आवेदन करेंगे, तो आप वास्तविक नागरिक से अवैध प्रवासी बन जाएंगे और एक बार जब आप अवैध प्रवासी बन गए, तो आपकी संपत्ति और पेशे का क्या होगा? आपको डिटेंशन कैंप में भेज दिया जाएगा, इसलिए आवेदन करने से पहले दो बार सोचें। हालांकि, पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने दावा किया कि मुख्यमंत्री राज्य में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों को गुमराह करने के लिए अनावश्यक रूप से इसे एक मुद्दा बनाने की कोशिश कर रही हैं।