पटना । साइबर क्राइम से जुड़े हुए अपराधी अब ठगी के व्यवसाय का आउटसोर्स करके भारी कमाई कर रहे हैं। जामताड़ा गिरोह बिहार में यह काम बड़े पैमाने पर कर रहा है। जामताड़ा गिरोह कमीशन के आधार पर फ्रेंचाइजी नेटवर्क तैयार कर रहा है। बड़े पैमाने पर ऑनलाइन ठगी करने के लिए अपराधियों को तैयार किया जा रहा है। पिछले 4 महीने में 74 करोड रुपए की साइबर ठगी इस गिरोह द्वारा की गई है। 
 जामताड़ा गिरोह के अपराध करने का नया तरीका सामने आया है। साइबर ठगी के लिए सेल कंपनियां बनाकर लोगों के खाते से ठगी की जा रही है। जामताड़ा गिरोह बैंक खाता उपलब्ध कराता है। जितनी राशि उस खाते में आती है। उसका 10 फ़ीसदी फ्रेंचाइजी को दिया जाता है। कॉल सेंटर से जो कॉल किए जाते हैं। उसका कमीशन 25 फ़ीसदी तय किया गया है। खातों से पैसे निकालने वाले गिरोह को 8 फ़ीसदी कमीशन दिया जाता है। डाटा उपलब्ध कराने वाले अपराधियों को 2 फ़ीसदी कमीशन,फ्रेंचाइजी नेटवर्क के तहत दिया जाता है। इस गिरोह ने सिम कार्ड उपलब्ध कराने के लिए भी अलग से अपराधियों को रखा है। उन्हें भी बाकायदा ईमानदारी से 2 फ़ीसदी का कमीशन दिया जाता है। 
 जामताड़ा गैंग,वेबसाइट www। dot कूपन कोड डॉट इन के कूपन कमीशन एजेंट को भेजता है। जो इसे रिडीम कर सामान बेचता है। जो रुपया ठगी में प्राप्त होता है। उसका 30% कमीशन काटकर शेष राशि जामताड़ा गिरोह को भेजने की व्यवस्था की है। सबसे बड़े आश्चर्य की बात है कि अब साइबर क्रिमिनल, फ्रेंचाइजी नेटवर्क के सहारे बड़े पैमाने पर ठगी का काम कर भारी कमाई कर रहे हैं। जिस पर नियंत्रण लगा पाना पुलिस,साइबर क्राइम और सरकार के लिए मुश्किल होता जा रहा है।