जयपुर । प्रदेश के सतीपुरा क्षेत्र में पोटाश के संभावित डिपोजिट्स के लिए जी 2 स्तर का एक्सप्लोरेशन होगा। जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इण्डिया और एमईसीएल द्वारा उपलब्ध सेंपल्स का विस्तृत विश्लेषण कर 15 मार्च तक सरकार को रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के लखासर और सतीपुरा के दो ब्लॉक्स में से एक पर राज्य सरकार के उपक्रम द्वारा खनन कार्य किए जाने और दूसरे ब्लॉक की नीलामी करने पर केन्द्र सरकार से सैद्धांतिक सहमति हुई है। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल की प्रदेश में पोटाश के खनन को लेकर केन्द्रीय खान सचिव विवेक भारद्वाज, जियोलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया, मिनरल एक्सप्लोरेशन कारपोरेशन ऑफ इंडिया, राजस्थान माइंस एवं मिनरल, निदेशक माइंस राजस्थान सहित अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक हुई।केन्द्रीय खान सचिव विवेक भारद्वाज ने बताया कि केन्द्र सरकार पोटाश का खनन कार्य शीघ्र आरंभ कराने के लिए गंभीर है। उन्होंने बताया कि पोटाश की सर्वाधिक आवश्यकता खेती के लिए होती है और देश पूरी तरह से पोटाश के आयात पर निर्भर है। उन्होंने जीएसआई व एमईसीएल को एक्सप्लोरेशन कार्य में तेजी लाने के निर्देश देते हुए समय सीमा का निर्धारण किया। एसीएस माइंस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने बताया कि अब तक के एक्सप्लोरेशन में नाागौर गंगानगर बेसिन में पोटाश के भण्डार मिले हैं। अभी और एक्सप्लोरेशन की आवश्यकता है क्योंकि पोटाश के अब तक प्राप्त सेंपल्स में पॉलीहेलाइट व सिल्वाईट के संकेत मिले हैं। पॉलीहेलाइट का परंपरागत तकनीक से खनन किया जा सकता है जबकि सिल्वाईट का सॉल्यूशन माइनिंग के माध्यम से खनन किया जा सकता है।