वेस्टइंडीज के खिलाफ खेली जा रही टेस्ट सीरीज में अजिंक्य रहाणे का बल्ला अब तक खामोश रहा है। रहाणे पहले टेस्ट में बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा सके थे। वहीं, दूसरे टेस्ट की पहली पारी में भारतीय उपकप्तान के खाते में सिर्फ 8 रन आए। भारत के पूर्व बल्लेबाज वसीम जाफर का मानना है कि रहाणे की बैटिंग में सबसे बड़ी कमजोरी निरंतरता की कमी है। जाफर के अनुसार, रहाणे अपनी फॉर्म को बरकरार रखने में सफल नहीं रह पाते हैं।

जाफर ने बताई रहाणे की कमजोरी

वसीफ जाफर ने जियो सिनेमा के एक शो पर बातचीत करते हुए अजिंक्य रहाणे की बैटिंग को लेकर बातचीत की। उन्होंने कहा, "रहाणे को अपने खेल में निरंतरता दिखानी होगी, जो 80 से 90 टेस्ट मैच खेलने के बाद भी उनकी समस्या रही है। निरंतरता एक समस्या रही है और उनको इससे पार पाना होगा, क्योंकि वह भारत के लिए रोहित शर्मा के बाद बतौर कप्तान अच्छे विकल्प साबित हो सकते हैं। रहाणे को रन बनाने होंगे और उसके बाद ही बाकी चीजें अनुभवी बल्लेबाज को फॉलो करेंगी।"

खराब फॉर्म के लिए चलते गंवाया कप्तानी का मौका

पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज ने कहा कि रहाणे के पास भारत का अगला टेस्ट कप्तान बनने का अच्छा मौका था, लेकिन उन्होंने यह चांस अपनी खराब फॉर्म की वजह से गंवा दिया। वसीम जाफर ने कहा कि अगर रहाणे ऑस्ट्रेलिया की धरती पर मेलबर्न में खेली गई अपनी उस शतकीय पारी की फॉर्म को बरकरार रखने में सफल रहते, तो वह भारत के अगले कप्तान बन सकते थे। हालांकि, खराब फॉर्म की वजह से उनको टीम से बाहर भी जाना पड़ा। जाफर के अनुसार, भारतीय सेलेक्टर्स रहाणे में एक अच्छे लीडर की काबिलियत देखते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें लगातार रन बनाने होंगे।