रांची। सदर अस्पताल के चिकित्सकों ने तो लापरवाही की हद कर दी। एक तरफ नवजात की मौत का पेपर थमाया और दूसरी ओर उसे रेफर भी कर दिया गया। जब नवजात को लेकर माता-पिता रिम्स अस्पताल पहुंचे तो वहां के चिकित्सकों ने बताया कि इसकी मौत तो बीती रात में ही हो गई है।आहत मां-बाप ने इसकी शिकायत सिविल सर्जन से की। इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो बुधवार को दोबारा दंपती सिविल सर्जन के यहां पहुंचे और फिर लिखित शिकायत की। इस पर सिविल सर्जन से कहा कि जांच कमेटी गठित कर दी गई है, जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इटकी निवासी आनंद लकड़ा दिहाड़ी मजदूर हैं। वह 13 फरवरी को अपनी पत्नी निराली को सदर अस्पताल में भर्ती कराया। जहां पर उसने रात आठ बजे बच्चे को जन्म दिया। चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे की तबीयत ठीक नहीं है। इसके बाद उसे एसएनसीयू में भर्ती कर दिया गया।अगले दिन सुबह छह बजे अस्पताल ने बच्चे को कपड़े में लपेटकर आनंद लकड़ा को थमा दिया और रेफर का कागज भी। जब आनंद अपने नवजात बेटे को लेकर रिम्स पहुंचे तो वहां के चिकित्सकों ने बताया कि उसकी मौत रात में ही हो गई है। एसएनसीयू में ही उसकी जान चली गई थी।अजब की बात तो यह है कि नवजात के डिस्चार्ज पेपर पर उसकी मौत का जिक्र भी किया गया था। इस पूरे प्रकरण से आहत दंपती घर चले गए और इसकी शिकायत 23 फरवरी को सिविल सर्जन से की। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। इसके बाद दोनों बुधवार को फिर अस्पताल पहुंचे और लिखित शिकायत की।