अहमदाबाद। उत्‍तर गुजरात की बनासकांठा सीट पर दो सामान्‍य परिवार की लेकिन प्रभावशाली महिलाएं मैदान में हैं। भाजपा ने यहां से बनास डेयरी के संस्‍थापक गलबाभाई नानजीभाई पटेल की पुत्री डॉ रेखा चौधरी को टिकट दिया है वहीं कांग्रेस ने अपनी तेजतर्रार विधायक गेनीबेन ठाकोर को प्रत्‍याशी बनाया है।

गुजरात की सभी 26 लोकसभा सीट के लिए भाजपा, कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के प्रत्‍याशियों के नाम की घोषणाएं हो गई है। भाजपा ने केंद्रीय ग्रह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह, भाजपा अध्‍यक्ष सी आर पाटिल, केंद्रीय मंत्री परशोत्तम रुपाला, केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया, केंद्रीय मंत्री देवूसिंह चौहाण, सांसद पूनम माडम जैसे दिग्‍गजों को मैदान में उतारा है। दूसरी ओर कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के प्रत्‍याशी कम चर्चित हैं लेकिन साबरकांठा से गेनीबेन ठाकोर, राजकोट से परेश धनाणी, भरुच से चैतर वसावा अपने अलग अंदाज के कारण सुर्खियों में है।

ट्रैक्‍टर में सवार होकर नामांकन दाखिल करने पहुंचीं

पालनपुर में बनासकांठा सीट से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ रही गेनीबेन सोमवार को ठेठ देशी अंदाज में अपने समर्थक महिला पुरुषों के साथ ट्रैक्‍टर में सवार होकर नामांकन दाखिल करने डीएम कार्यालय पहुंचीं। इससे पहले आयोजित सभा में वे भावुक होकर रुआंसा हो गईं तथा बनासकांठा के लोगों के ऋण से कभी मुक्‍त नहीं होने की बात कही। दरअसल, गेनी बेन इसी जिले से दो बार विधायक चुनी गई हैं, पति व पत्‍नी के बैंक खाते में एक लाख 70 हजार रुपये है लेकिन दस लाख के सोने-चांदी के गहने व 7 हेक्‍टेयर क्रषि जमीन की मालकिन हैं।

देशी अंदाज के कारण अक्‍सर चर्चा में रहती हैं गेनीबेन

गेनीबेन दूसरी बार विधायक चुनी गई हैं और अपने देशी अंदाज के कारण अक्‍सर चर्चा में रहती हैं, कभी वे युवतियों को अपनी सुरक्षा के लिए बैग में चाकू रखने की नसीहत देती हैं तो कभी अपने समाज की बैठक में पुरुष पंचों के सामने समाज में चल रही कूरीतियों पर करारा प्रहार करती हैं। वे साबरकांठा के भाभर कस्‍बे में रहती हैं लेकिन कांग्रेस उम्‍मीदवार घोषित होने के बाद जब ससुराल अंबासणा गांव पहुंची तो मंच पर घूंघट निकालकर भाषण देते नजर आईं। गेनीबेन ने जैन विश्‍वभारती से दूरस्‍थ शिक्षा के माध्‍यम से बीए किया है।

प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर राजनीति में आईं रेखा

भाजपा प्रतयाशी डॉ रेखा चौधरी गुजरात के सहकारी क्षेत्र के दिग्‍गज गलबा चौधरी की पुत्री हैं तथा एमएससी, एमफिल व पीएचडी की हैं। कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी छोड़कर वे राजनीति में आई हैं। भाजपा महिला मोर्चा में वे संयोजक थीं। मतक्षेत्र में उनकी उच्‍च शिक्षा एमफिल, गणित विषय में पीएचडी की तो चर्चा है ही साथ ही उनके पिता गलबा काका के सहकारी क्षैत्र में योगदान को भी लोग खूब याद कर रहे हैं।

बहुत कम चर्चा में रहती हैं रेखा

डॉ रेखा चौधरी व उनके पति के कुल नकदी पौने आठ लाख रुपये तथा बैंक खातों के कुल 22 लाख रुपये तथा निवेश व चल-अचल संपत्‍ती 4 करोड़ से अधिक हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज में प्रोफेसर रह चुकी रेखा बहुत कम चर्चा में रहती हैं लेकिन पिता गलबा काका के सहकारिता क्षैत्र की छत्र छाया उनके साथ हैं। मंगलवार को उन्‍होंने अपना पर्चा भरा, राजस्‍थान के मुख्‍यमंत्री भजनलाल शर्मा व प्रदेश के कई भाजपा नेता उनके साथ मौजूद रहे।

एक नजर में बनास डेयरी

बनास डेयरी एशिया की सबसे बड़ी सहकारी डेयरी है इसमें प्रतिदिन 50 लाख लीटर दूध का संग्रह होता है। वर्ष 1969 में गलबा चौधरी ने इसकी स्थापना की थी। इसके चैयरमेन गुजरात विधानसभा के अध्‍यक्ष शंकरभाई चौधरी हैं। बनास डेयरी से उत्‍तर गुजरात के करीब साढे तीन लाख किसान व पशुपालक जुडे हैं। इसका सालाना कारोबार 18 हजार 255 करोड रुपये है जबकि इसके कर्मचारियों की संख्‍या 5 हजार से अधिक है।