राजधानी समेत छत्‍तीसगढ़ के शासकीय और निजी अस्पतालों में डेंगू के इलाज और क्लेम करने के आधार की जांच होगी। इसके बाद ही आयुष्मान और डा. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य बीमा योजना की तहत राशि जारी होगी। स्वास्थ्य विभाग ने इसके लिए पूरी जानकारी मांगी है। बता दें कि प्रदेश में इस वर्ष अब तक डेंगू के 449 मरीज मिले हैं।

बताया जा रहा है कि अधिकांश स्वास्थ्य संस्थानों ने रैपिड किट से ही जांच कर डेंगू मरीजों को भर्ती कर इलाज और क्लेम किया है। स्वास्थ्य संस्थानों ने मरीजों का एलाइजा टेस्ट नहीं कराया है, जबकि केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार डेंगू की पुष्टि के लिए एंटीजन या रैपिड टेस्ट में पाजिटिव आने पर एलाइजा टेस्ट जरूरी है।

दरअसल, मामला यह है कि प्रदेश के कुछ जिलों में डेंगू के एक भी मरीज नहीं मिलने के बावजूद अस्पतालों ने योजना के तहत मिलने वाली रािश के लिए क्लेम किया है। कई अस्पतालों ने मरीज की संख्या से कई गुना ज्यादा क्लेम किया है। इस तरह बिना इलाज प्रदेश में 780 से ज्यादा क्लेम किए गए हैं।

रायपुर जिले में आठ केस पर 327 क्लेम की जांच हो रही है। इसके लिए तीन-तीन सदस्यीय पांच टीमें गठित की गई हैं। पांच दिनों बाद भी जांच पूरी नहीं हो पाई है।

राज्य महामारी के नियंत्रक डा. सुभाष मिश्रा ने कहा, रायपुर के सीएमएचओ से जांच रिपोर्ट मांगी गई थी। शुक्रवार की शाम तक रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए थे, जो नहीं मिली है। डेंगू की पहचान के लिए एलाइजा टेस्ट जरूरी है।

आयुष्मान और डा. खूबचंद बघेल योजना के नोडल अधिकारी डा. खेमराज सोनवानी ने कहा, प्रदेशभर के स्वास्थ्य संस्थानों से मरीजों के इलाज और क्लेम के आधार की जानकारी मांगी गई है। जांच-पड़ताल के बाद ही राशि जारी की जाएगी।