चंडीगढ़। हाई कोर्ट में ए-3 साइज की जगह ए-4 कागज का इस्तेमाल करने की मांग पर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के कार्यवाहक चीफ जस्टिस जीएस संधावालिया व जस्टिस लुपिता बनर्जी पर आधारित डिवीजन बेंच हाई कोर्ट (प्रशासनिक स्तर), पंजाब, हरियाणा व चंडीगढ़ प्रशासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।याचिका में आरोप लगाया गया कि कागज प्रयोग करने को लेकर हाई कोर्ट में आज भी अंग्रेजों के नियमों के अनुसार कागज का इस्तेमाल हो रहा है। इससे न केवल कागज की जमकर बर्बादी हो रही है बल्कि पर्यावरण को भी नुकसान हो रहा है।अदालती कार्रवाई में कागज की खपत को कम करने और पर्यावरण को बचाने के लिए चंडीगढ़ निवासी विवेक तिवारी ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर ए-3 साइज की जगह ए-4 कागज का इस्तेमाल करने की मांग की है।

याचिका में हाई कोर्ट के साथ-साथ हरियाणा, पंजाब व चंडीगढ़ की सभी अधीनस्थ अदालतों, ट्रिब्यूनल में दायर की जाने वाली याचिकाओं, हलफनामे या अन्य दस्तावेजों के लिए एक तरफ छपाई के साथ लीगल पेज (ए 3) के उपयोग करने की वर्तमान प्रथा पर रोक लगाने की मांग की गई है।याचिकाकर्ता के अनुसार फुलस्केप पेपर पर, डबल स्पेसिंग के साथ, मार्जिन छोड़ कर शीट के केवल एक तरफ छपाई करने के आदेश से कागज की जबरदस्त बर्बादी होती है। याचिका के अनुसार यह नियम जो दशकों पहले तैयार किए गए थे, स्वतंत्रता-पूर्व औपनिवेशिक समय के हैं।उस समय कागज की मोटाई और स्याही की गुणवत्ता के कारण कागज के एक तरफ छपी स्याही दूसरी तरफ रिस जाती थी, जिससे पढ़ना मुश्किल हो जाता था। अब पेपर प्रिंटिंग तकनीक और स्याही से संबंधित तकनीकों की प्रगति के चलते यह समस्या नहीं रही है। जानकारों के अनुसार मामला पर्यावरण के हित को ध्यान में रखकर उठाया गया है।