जयपुर । कांग्रेस के वरिष्ठ पर्यवेक्षक मधुसूदन मिस्त्री ने जयपुर के वॉर रूम में राजस्थान की सभी 25 लोकसभा सीटों पर लगाए गए, पर्यवेक्षकों से वन- टू-वन मुलाकात की। प्रदेश के विधानसभा चुनावों में सत्ता रिपीट में जुटी कांग्रेस हर विधानसभा सीट को महत्वपूर्ण मानते हुए काम कर रही हैं। इसी को लेकर मिस्त्री ने पर्यवेक्षकों की तीसरी बैठक ली। 
इस दौरान मिस्त्री ने पहले दिन 15 पर्यवेक्षकों के साथ चर्चा कर क्षेत्र में पार्टी की गतिविधियों की रिपोर्ट ली। लोकसभा वार लगाए गए पर्यवेक्षकों को पिछली बैठक में प्रत्येक विधानसभा में जाकर पार्टी की गतिविधियों की रिपोर्ट तैयार करने, टिकटों के दावेदारों और पार्टी की स्थिति की रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए थे। इसकी रिपोर्ट पर्यवेक्षकों ने मिस्त्री को दी।  वहीं बैठक में लोकसभा वार लगाए गए कंनवीनर भी मौजूद रहे। इस दौरान मधुसूदन मिस्त्री ने लोकसभा क्षेत्रवार नियुक्त सभी पर्यवेक्षकों से ब्लॉक स्तर तक चुनाव के लिए की गईं संगठनात्मक तैयारियों का फीडबैक लिया। उन्होंने चुनाव की तैयारियों के लिए रणनीति पर चर्चा करते हुए आगामी कार्यक्रमों के लिए निर्देश भी दिए गए। बैठक में कोर्डिनेटर्स को लेकर भी चर्चा की गई।  राजस्थान में कांग्रेस पार्टी ने टिकट चयन में उन्हीं उम्मीदवारों को टिकट देने का फैसला किया है जो जिताऊ हैं। पिछली बार की गलतियों को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने यह निर्णय लिया हैं। कांग्रेस में विधानसभा चुनावों में सभी 200 सीट पर टिकट वितरण की कवायद अंतिम चरण में हैं। इसलिए मिस्त्री की पर्यवेक्षकों के साथ हुई यह चर्चा सूची आने से पहले अहम मानी जा रही हैं। यह बैठक कांग्रेस केमिशन रिपीट अभियान को पूरा करने के लिए ली गई हैं। इसमें मिस्त्री ने उन विधानसभा सीटों को लेकर चर्चा की, जहां कांग्रेस लगातार हार रही हैं।  बैठक में पर्यवेक्षकों से एंटी इनकमबेंसी, वर्तमान विधायक के काम, प्रत्याशी बदलने या रिपीट करने, जनता का फीडबैक और संभावित बागियों के लेकर मंथन किया गया। टिकट वितरण में सभी समितियों और बैठकों का सार निकालकर कांग्रेस सूची में सिर्फ जिताउ उम्मीदवार को ही मैदान में उतारेंगी, ऐसा पार्टी का प्रयास रहेगा। बताया जा रहा है कि कांग्रेस किसी भी कमजोर उम्मीदवार पर कोई जोखिम नहीं खेलना चाहती है। इसलिए उसे ही टिकट दिया जाएगा जो पार्टी को जीत की गारंटी दे सकें।