नीमच से राजेश भंडारी

ये जिला अस्पताल है , अस्तबल नहीं..यहां की अवहेलना मानवता के प्रति संगीन अपराध - भानुप्रताप सिंह ।
* जिला चिकित्सालय में एक सर्जन तक नही है और विशेषज्ञ चिकित्सकों के 70 प्रतिशत से अधिक पद खाली , लोगों की जिंदगी खतरे में
* क्या यही है मेडिकल कॉलेज का फर्जी श्रेय लेने वाली 18 साल की भाजपा  सरकार और क्षेत्र के निर्वाचित नेताओं का विकास मॉडल..? 

नीमच ।   जिला युवा कांग्रेस अध्यक्ष और नीमच विधानसभा क्षेत्र के सक्रिय नेता भानुप्रताप सिंह राठौड़ भाटखेड़ा ने आरोप लगाया है कि विकास के बड़े कीर्तिमानों का ढिंढोरा पीटने और मेडिकल कॉलेज स्थापना का फर्जी श्रेय लेने वाले निर्वाचित जन नेता और भाजपा सरकार नीमच के जिला चिकित्सालय के साथ अस्पताल के बजाय अस्तबल जैसा रवैया अपना रहें है जिससे क्षेत्रवासियों का स्वास्थ्य और जीवन खतरे में हैं । श्री राठौड़ ने यहां जारी एक बयान में  कहा कि , तेईस साल पहले नीमच के अस्पताल को जिला चिकित्सालय का दर्जा मिला था तब लगा था कि कम से कम अब तो यहां योजनाबद्ध ढंग से काम होगा और स्वीकृत स्टॉफ , सुविधाओं और संसाधनो की आपूर्ति होकर क्षेत्र के रोगियों को समय पर सही उपचार मिलेगा । इसी तात्म्यय में ट्रामा सेंटर भी बनाया गया तब उम्मीद बंधी थी कि दुर्घटनाओं  में गम्भीर रूप से घायल रोगियों को भी तुरन्त उच्चस्तरीय उपचार सुलभ होगा जिससे उनकी जीवन रक्षा होगी । श्री राठौड़ ने कहा कि , जिला चिकित्सालय बनने के बाद तत्कालीन काँग्रेस सरकार ने यहां स्टॉफ और स्वीकृत सुविधाओं के लिए जरुरी कदम उठाए थे किंतु वर्ष 2003 से प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई जो कुछ महीनों को छोड़ कर साढ़े 18 सालों से कायम है । नीमच क्षेत्र से भी करीब बीस सालों से भाजपा के ही निर्वाचित जन प्रतिनिधि हैं । श्री राठौड़ ने कहा कि , समग्र रूप से जिला चिकित्सालय में ट्रामा सेंटर के लिये स्वीकृत पदों सहित सभी श्रेणियों को मिला कर 322 पद निर्धारित हैं ।  वर्ष 2023 में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव के मद्देनजर भाजपा सरकार और क्षेत्र के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों द्वारा हाल में विकास यात्राओं , विज्ञापनों और पत्रकारवार्ताओं के जरिये क्षेत्र में अभुतपूर्व विकास , मेडिकल कॉलेज स्थापना और जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार में दावे तो बड़े - बड़े किये गए लेकिन संवेदनहीन अकर्मण्य निर्वाचित नेता जिला चिकित्सालय की घोषित उक्त वर्णित क्षमतानुसार स्वीकृत पदों की पूर्ति भी नहीं करवा पाए हैं । 
श्री राठौड़ ने कहा कि , आज भी जिला चिकित्सालय में स्वीकृत प्रथम श्रेणी चिकित्सकों के लगभग 70 प्रतिशत , द्वितीय श्रेणी के 50 प्रतिशत , तृतीय श्रेणी के करीब 39 प्रतिशत और चतुर्थ श्रेणी के 75 प्रतिशत पद खाली पड़े हुए हैं ।समग्र रूप से देखें तो जिला अस्पताल के लिए स्वीकृत 322 पदों में से कोई 50 प्रतिशत से ज्यादा पद रिक्त हैं । यही स्थिति , उपचार के लिए जरूरी संसाधनों और उपकरणों को लेकर भी कही जा सकती है ।  इसी कारण से कोरोना त्रासदी के दौरान क्षेत्र के नागरिकों ने कितनी पीड़ा झेली है यह सभी जानते हैं जिसकी दोषी स्पष्ट रूप से भाजपा सरकार है ।
 

श्री राठौड़ ने कहा कि , यह सही है कि , पिछले सालों में  जिला चिकित्सालय में कई नये भवन जरूर बने हैं और अभी भी बन रहे हैं लेकिन क्या फकत पत्थरों की इमारतों से मरीजों का उपचार संभव हैं..? ट्रामा सेंटर इसका बढ़िया उदाहरण है ।यहां भवन तो बना दिया लेकन स्वीकृत स्टॉफ और उपकरणों के अभाव में यह केंद्र स्थापना के उद्देश्यों के अनुरुप काम ही नहीं आ रहा है और जनरल वार्ड बन कर रह गया है । श्री राठौड़ ने कहा कि , 18 साल से अधिक समय से भाजपा की सरकार और कोई बीस सालों से भाजपा के निर्वाचित जन प्रतिनिधियों की गैर जिम्मेदारी के कारण मानव सेवा और जीवन रक्षा के लिहाज से जिले का सबसे मुख्य केंद्र जिला चिकित्सालय भारी अव्यवस्था का केंद्र बन कर रह गया है । इसी कारण नीमच जिला चिकित्सालय में अभी भी मानव संसाधन की भारी कमी है और नीमच जिला अस्पताल अभी भी रेफर हास्पिटल ही बना हुआ है । स्टॉफ की कमी के कारण मरीजों को विवशतावश बाहर प्रायवेट अस्पतालों में महंगा इलाज करवाना पड़ रहा है । जो महंगा इलाज नहीं करवा सकते वह जिला चिकित्सालय की आधी - अधूरी व्यवस्थाओं के बीच यातनाएं भुगतने और कई मामलों में अकाल मृत्यु का ग्रास बनने के लिए बाध्य है । ताज़ा स्थिति यह है कि जिला चिकित्सालय में पदस्थ एक मात्र सर्जन का भी स्थानांतरण हो जाने के बाद अब यहां सर्जरी और गम्भीर रूप से घायल व्यक्ति का सर्जन की देखरेख में आरंभिक उपचार भी संभव नहीं है ।

श्री राठौड़ ने कहा कि , गंभीर रूप से घायल मरीजों को इंदौर और उदयपुर रैफर करने पर वहां तक ले जाने में समय लगेगा जिससे उनके जीवन को खतरा होगा । जिला चिकित्सालय की इतनी घोर दुर्दशा से यह साफ है कि भाजपा सरकार और निर्वाचित जन प्रतिनिधि अस्पताल की महत्ता को समझने के बजाय इस महत्वपूर्ण संस्थान को अस्तबल समझ रहें हैं । उनके गैर जिम्मेदार व्यवहार के चलते ही आज जिला चिकित्सालय स्वास्थ्य और जीवन रक्षक केंद्र के बजाय रैफर स्थान बन कर रह गया है । श्री राठौड़ ने कहा कि जन संघर्ष और  काँग्रेस की तत्कालीन कमलनाथ सरकार की पहल से मिले मेडिकल कॉलेज का बेशर्मी से श्रेय लेने वाले प्रदेश भाजपा सरकार के मुख्यमंत्री और क्षेत्रीय निर्वाचित नेता जो चाहे वैसा सोचे जनता सच जानती है और इसमें हमें कोई परेशानी नहीं है लेकिन इन सत्तारूढ़ नेताओं को जिला चिकित्सालय और जिले के अन्य स्वास्थ्य केंद्रों की बदहाली की जिम्मेदारी भी लेना चाहिए । श्री राठौड़ ने कहा कि , भाजपा सरकार और चुने हुए नेताओं द्वारा जिला चिकित्सालय की अवहेलना घोर कर्तव्यहीनता ही नहीं बल्कि मानवता के विरुद्ध बड़ा संगीन अपराध है । व्यापक जनहित में हमारी मांग है कि भाजपा सरकार और नेता अस्पताल और अस्तबल में फर्क को समझे और जिला चिकित्सालय नीमच को मेडिकल कॉलेज के बेस अस्पताल के रूप में उन्नयन कर इसकी क्षमता पांच सौ बेड की तय की जाए और इसी के अनुरूप सभी श्रेणी के चिकित्सकों , सहायक स्टॉफ ,  अस्पताल प्रबंधक , रोग परीक्षण और उपचार के सभी संसाधनों की व्यवस्था अविलम्ब करवाने के लिए जरूरी कदम उठाए ।